चंडीगढ़ः पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार यान आज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर सुनवाई हुई। दरअसल, आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन के लिए 4 सप्ताह का और समय दिया। अब इस मामले की सुनवाई 26 अगस्त को होगी। दरअसल, 6 जुलाई से नई नाभा जेल में बंद मजीठिया को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को अमृतसर से कथित तौर पर अपनी ज्ञात आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
पिछले हफ़्ते मोहाली की एक अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 2 अगस्त तक बढ़ा दी थी। आज मजीठिया की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई तो हुई, लेकिन उनके ही वकीलों द्वारा याचिका में संशोधन के लिए और समय मांगने के बाद अदालत ने मामले को 26 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया। इसका मतलब है कि मजीठिया को अभी और समय जेल में ही बिताना होगा। मंगलवार को हाईकोर्ट में जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई, बिक्रम मजीठिया के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि वे अपनी याचिका में कुछ संशोधन करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें चार हफ्तों का समय दिया जाए।
अदालत ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय कर दी। बता दें कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को बिक्रम मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में उनके अमृतसर स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। सरकार का दावा है कि उनके पास मजीठिया के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इसी के तहत पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में उनकी संपत्तियों की जांच के लिए छापेमारी भी की गई है।
वहीं, मजीठिया के वकील इसे एक बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित मामला बता रहे हैं। इस कानूनी लड़ाई के बीच, मजीठिया के वकीलों ने मोहाली की अदालत में एक और अर्जी दायर कर इस मामले की सुनवाई इन-कैमरा करने के बजाय लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए करने की मांग की है। उनका तर्क है कि पंजाब और विदेशों में रहने वाले लोग भी इस हाई-प्रोफाइल मामले की सच्चाई जानना चाहते हैं, इसलिए कार्यवाही पारदर्शी होनी चाहिए।