कपूरथलाः भुलत्थ कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, हाईकोर्ट ने खैहरा द्वारा दायर की गई याचिका में जमानत देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में खैहरा को नशा तस्करी के एक मामले में किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। कुछ दिन पहले ही खैहरा के करीबी पीएसओ को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के अनुसार खैहरा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस जांच कर रही है।यह याचिका विजिलेंस ब्यूरो पंजाब द्वारा दायर की गई थी, जिसमें 12 फरवरी, 2024 को जारी पत्र संख्या 5460/वीबी/एएस-7 में उल्लिखित लंबित सतर्कता जांच के मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की गई थी। जिसमें जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रीतिंदर सिंह अहलूवालिया पेश हुए।
उन्होंने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल, जो विपक्षी पार्टी के वर्तमान विधायक सुखपाल खैहरा हैं, उन्हें डर है कि लंबित विजिलेंस जांच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने अग्रिम जमानत मांगी है। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि विजिलेंस ब्यूरो ने याचिकाकर्ता को ना तो कोई नोटिस जारी किया है, ना ही कोई समन भेजा है और न ही उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। ऐसे में गिरफ्तारी का कोई वास्तविक डर नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील ने सरकार से यह बयान दर्ज करने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने दर्ज कर लिया। इसके बाद, याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे मंज़ूरी दे दी गई और अदालत ने याचिका वापस लेने के आधार पर याचिका खारिज कर दी। सुखपाल सिंह खैहरा का तर्क था कि वह राजनीतिक मुद्दे उठा रहे हैं, ऐसे में विजिलेंस उनके खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। अदालत में सरकारी वकील ने कहा कि न तो खैहरा को अभी तक इस मामले में बुलाया गया है और न ही उन्हें नोटिस जारी किया गया है। इस भरोसे के बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।
दूसरी ओर खैहरा ने कहा कि हाई कोर्ट में उसकी याचिका के बारे में लोगों को कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं, जिसका निपटारा सरकारी वकील के बयान को रिकॉर्ड में लेने के बाद हुआ था। विधायक का दावा है कि आज की तारीख में उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है। खैहरा का कहना हैकि वह पहले से ही 2024 में उच्च न्यायालय द्वारा दी गई नियमित ज़मानत पर है। खैहरा ने कहा कि याचिका 2024 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में सरकार द्वारा शुरू की गई जांच के बारे में थी, जिसे सरकारी वकील ने अस्वीकार कर दिया, इसलिए मेरी याचिका उच्च न्यायालय द्वारा निपटा दी गई।