पठानकोटः पंजाब में लगातार हो रही बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। जिसके चलते प्रशासन और एनडीआरएफ टीमों द्वारा लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। वहीं बमियाल सेक्टर स्थित काजला गांव से ध्रुव हेलीकॉप्टर द्वारा 6 लोगों को बचाया गया। रावी नदी में आई बाढ़ के कारण काजला और ताश पतन गांव के लोग फंस गए थे, जिन्हें एनडीआरएफ निकालने का प्रयास कर रही है। वहीं एसएसपी पठानकोट ने सेना से संपर्क किया, जिसके बाद जब थोड़ी देर बारिश रुकी, तो हवाई सहायता की मदद से काजला गांव के लोगों को बचाने का काम शुरू किया गया।
दरअसल, राज्य के 7 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रणजीत सागर डैम और भाखड़ा डैम से लगातार पानी छोड़े जाने से रावी, सतलुज और ब्यास नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तरनतारन और फिरोजपुर में हरिके हेडवर्क्स से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ब्यास नदी पर बने चक्की रेलवे पुल के नीचे से मिट्टी धंसने से पठानकोट-जालंधर रेलवे रूट बंद कर दिया गया है। इससे 90 ट्रेनें प्रभावित हुईं। कुछ को पठानकोट-अमृतसर-जालंधर रूट से रवाना किया जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क, मंत्री बरिंदर गोयल, सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल, दसूहा विधायक कर्मबीर सिंह घुम्मन, हलका टांडा विधायक जसवीर सिंह राजा, डीसी आशिका जैन, एसडीएम अंकुश, हलका इंचार्ज प्रोफेसर जी.एस. मुल्तानी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने मुकेरियां के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।