चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और प्रबंधकीय सचिवों को चंडीगढ़ बुलाकर बैठक की। इसमें वित्त जुटाने, विभागों को बकाया भुगतान करने तथा केंद्र की योजनाओं का पैसा खजाने में जमा कराने के आदेश जारी किए गए। एक अधिकारी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार केंद्र की किसी योजना में समय पर पैसा नहीं देती या देनदारी नहीं निपटाती है तो केंद्र सरकार माहवार मिलने वाली राशि रोक लेती है। इससे प्रदेश में कार्य प्रभावित होते हैं। प्रदेश के दस बोर्डों और निगमों के पास सरकार का 1045 करोड़ रुपये बकाया है।
अब सरकार इस राशि को वसूल करेगी। पंजाब पर इस समय 3.86 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और इसके ऊपर हर साल 24 हजार करोड़ रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं। इस वर्ष 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर मिलने वाली 2000 करोड़ रुपये की राशि में से कोई पैसा नहीं मिला। खर्च बढ़ने के साथ ही कर्ज में कटौती कर दी गई है, जिससे खजाने की स्थिति और खराब हो गई है। बैठक का सबसे प्रमुख एजेंडा खाली पड़ी सरकारी जमीनों का उपयोग ना होने का था।
शहरी विकास और हाउसिंग विभाग की सबसे महत्वपूर्ण लैंड पुलिंग नीति के विफल होने के बाद सरकार ने अब वित्त जुटाने के लिए ऑप्टिमम यूज ऑफ गवर्नेंस वेकेंट लैंड (ओयूजीवीएल) के तहत जमीन पुड्डा को सौंपने के आदेश दिए हैं ताकि इस जमीन को बेचकर वित्त जुटाया जा सके। हालांकि ये आदेश पहले भी जारी किए गए थे, लेकिन मुख्य सचिव ने तीन-चार दिनों में पूरी रिपोर्ट तैयार करके लाने को कहा है। इसके बाद अगले सप्ताह किसी भी दिन फिर ऐसी बैठक होगी। इसके अलावा मुख्य सचिव ने उन सभी विभागों को निर्देश दिए हैं, जिन्होंने अपनी योजनाओं के लिए अग्रिम में राशि निकाल ली है।
उदाहरण के लिए यदि किसी विभाग को किसी योजना के लिए हर महीने पैसा चाहिए तो वे खजाने में बिल लगाकर राशि निकाल लेते हैं, जो कई बार लंबे समय तक पड़ी रहती है। सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव ने इस राशि को भी तुरंत वापस करने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को केंद्र सरकार के रुके हुए पैसों को भी तुरंत जारी करने को कहा है। केंद्रीय योजनाओं के लिए विशेष आकलन प्राप्त करने हेतु केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एसएनए छूने के तहत खाते खोलने का निर्देश दिया है। पंजाब के लिए 69 योजनाओं के लिए 142 स्टेट लिंक खाते खोलने थे, लेकिन 18 विभागों ने 65 खाते नहीं खोले, जिससे यह राशि नहीं मिल रही है।
सबसे अधिक बकाया विकास और पंचायत के दस, सामाजिक सुरक्षा विभाग के नौ, सामाजिक कल्याण और सशक्तिकरण विभाग के सात, स्थानीय सरकार विभाग ने छह और मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ने पांच खाते नहीं खोले। बाकी सभी विभागों के भी एक-दो या तीन खाते नहीं खोले। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव ने विभागों को केंद्र की योजनाओं का पैसा लेने के लिए समय पर उपयोग प्रमाणपत्र (यूटीलीज़ेशन सर्टिफिकेट) देने को कहा ताकि अगली किश्तें जल्दी ली जा सकें। एक और महत्वपूर्ण एजेंडा भी इस बैठक में चर्चा में आया, जो परियोजनाओं के लिए जारी किए जाने वाले पैसे की परियोजना पूरी होने पर अंतिम भुगतान से संबंधित था।