फरीदकोटः बरसात के दिनों में अक्सर देखा जाता है कि कई तरह की बीमारियां फैलने का डर रहता है, जिसमें मलेरिया, चिकन पॉक्स या डेंगू फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार सतर्क है। हालांकि डेंगू से बचाव के लिए समय-समय पर जागरूकता कैंप लगाए जाते हैं और लोगों को जागरूक किया जाता है।
जिले में डेंगू के आंकड़ों के बारे में बात करते चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. परमजीत बराड़ ने बताया कि जनवरी से अब तक पूरे जिले में हमारे सामने सिर्फ 22 मरीज सामने आए हैं। जिनकी हालत ज्यादा खराब नहीं थी, जिन्हें दवा देकर घर पर ही इलाज के लिए प्रेरित किया गया। जून माह में डेंगू के एक मरीज की मौत होने की सूचना मिली थी, जो फरीदकोट के किसी अस्पताल में इलाज के लिए नहीं आया था, बल्कि डीएमसी लुधियाना में इलाज के लिए दाखिल हुआ था जहां उसकी मौत होने की सूचना मिली थी।
हालांकि उसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। जिसके बाद पता चलेगा कि उसकी मौत डेंगू से या किसी अन्य बीमारी के कारण हुई थी। जून से जुलाई और सितंबर तक डेंगू फैलने का खतरा अधिक रहता है। डेंगू मच्छर दिन में ही लोगों को काटते हैं और इससे बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए और अपने आसपास खड़े पानी को तुरंत खाली करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जाते हैं, ताकि डिंबू जैसी खतरनाक बीमारी से बचा जा सके।