अमृतसरः पंजाब सरकार ने अमृतसर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी और खराब प्रबंधन के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बैंक के चेयरमैन अरिंदरबीर सिंह अहलुवालिया को तत्काल निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब जांच में सामने आया कि अहलुवालिया ने अपने पिता सतविंदर सिंह वालिया, जो बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे, उनकी सिफारिश पर 2017 में 10 लाख रुपये का हाउस बिल्डिंग लोन लिया था।
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यह लोन बैंक की नीतियों का उल्लंघन करते हुए बिना निर्माण प्रमाण के तीन किस्तों में दिया गया। सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार जालंधर की रिपोर्ट के अनुसार, जब इस साल 25 मार्च को पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (PSCB) की टीम ने निर्माण की जांच की तो पता चला कि गिरवी रखी गई कोई संपत्ति ही मौजूद नहीं है। लोन खाता अनियमित भुक्तानों के कारण NPA में चला गया, जिससे बैंक की साख पर गंभीर सवाल उठे। नियमों के मुताबिक, अरिंदरबीर के डायरेक्टर बनने (15.12.2021) और चेयरमैन बनने (13.04.2022) के बाद उनके पिता को तुरंत हटाया जाना चाहिए था।
परंतु सतविंदर सिंह ने गैरकानूनी ढंग से 31 जुलाई 2023 तक नौकरी जारी रखी और इस दौरान ₹32.31 लाख तनख्वाह और भत्तों के रूप में वसूल किए। इस स्पष्ट हित संघर्ष और धोखाधड़ी से बैंक की विश्वसनीयता को गहरा नुकसान पहुंचा है। संयुक्त रजिस्ट्रार, कोऑपरेटिव सोसाइटियों ने पूरे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने कर्मचारियों को बचाने, गबन के मामलों में केस दर्ज न करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई में जानबूझकर देरी करने का काम किया। बोर्ड को 15 दिन के भीतर जवाब देना होगा, नहीं तो और सख्त कार्रवाई की जा सकती है।