पटियालाः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय सेना के कर्नल पुषपिंदर बाठ और उनके बेटे के साथ मार्च में मारपीट मामले में केस की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश जारी कर दिए है। आज सुनवाई में कहा गया कि केस को लेकर एफआईआर दर्ज हुए तीन महीने हो गए हैं, जबकि जांच एसआईटी को ट्रांसफर हुए 3 तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी इस मामले में कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है। इससे पहले यह जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन अदालत ने माना कि यूटी पुलिस मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच करने में विफल रही।
कर्नल की पत्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत का यह फैसला राहत देने वाला है, क्योंकि अब उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी। जल्द ही अदालत की ओर से औपचारिक आदेश भी जारी किया जाएगा, जिसमें यह भी स्पष्ट होगा कि सीबीआई को कितने समय में जांच पूरी करनी है। वहीं, पंजाब के फाइनेंस मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जांच का मामला है। जांच होनी चाहिए। पहले परिवार ने चंडीगढ़ पुलिस से मांग की थी। बाकि जांच का आदेश आने के बाद सारी स्थिति साफ पाएगी।
वहीं कोर्ट में कहा गया कि जब इंस्पेक्टर रोनी की याचिका हाईकोर्ट में लगी थी, उस समय अदालत ने जांच अधिकारी से पूछा था कि क्या आरोपी की याचिका खारिज होती है, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा। इस पर जांच अधिकारी ने हां में उत्तर दिया था। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कर्नल बाठ वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं। उन्होंने अपने साथ हुई घटना को अत्यधिक क्रूरता, अहंकार और अमानवीय व्यवहार का उदाहरण बताया है। घटना से ऐसा लगता है कि कानून के रक्षक खुद कानून तोड़ने वाले बन गए हैं। आरोप यह भी है कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों के दबाव में चंडीगढ़ पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है।