पठानकोटः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के लोगों की आंखें नम नजर आ रही हैं। देश भर में लोग अपने-अपने तरीके से हमले में मारे गए 26 टूरिस्ट के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट कर रहे हैं। इसी के चलते पठानकोट में स्थानीय लोगों द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया और उन दिवंगत आत्माओं को याद किया गया। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए लोगों ने कहा कि पहलगाम में जो घटना हुई है वह बेहद निंदनीय घटना है। पाकिस्तान द्वारा जो कायराना हरकत की गई है उसका जल्द मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए। क्योंकि लंबे समय के बाद घाटी में रौनक लौटी थी और लोगों ने वहां कदम रखना शुरू किया था।
भारी मात्रा में टूरिस्ट के जम्मू-कश्मीर जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना शुरू हुआ है। लेकिन इस घटना से उनका कारोबार एक बार फिर से ठप्प हो गया है। लोगों ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इसक जल्द मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए ताकि पाकिस्तान दोबारा ऐसी घटना करने से पहले 100 बार सोचे। इस घटना से जम्मू-कश्मीर की उस अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकता है जो हाल ही में सुधरने लगी थी। इस हमले से पर्यटन पर बुरा असर पड़ेगा। इससे सालों से हो रही तरक्की रुक सकती है। इस हमले का असर कई क्षेत्रों पर पड़ेगा। खासकर पर्यटन पर इसका बहुत बुरा असर होगा।
इससे सुरक्षा, निवेशकों का भरोसा और पर्यटकों की संख्या में जो सुधार हुआ था, वह रुक सकता है। हमले से पहले जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही थी। 2024-25 के लिए प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 7.06% बढ़ने का अनुमान था। यह लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये था। 2019 से 2025 के बीच केंद्र शासित प्रदेश की विकास दर 4.89% रही थी। प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2024-25 में 1,54,703 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद थी, जो साल-दर-साल 10.6% अधिक है। यह विकास शांति के कारण हुआ था। आतंकी घटनाएं 2018 में 228 से घटकर 2023 में सिर्फ 46 रह गई थीं। यह लगभग 99% की कमी थी। इसी शांति के कारण निवेश और पर्यटन बढ़ा। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन को हुआ है। पर्यटन जम्मू और कश्मीर के GSDP में 7-8% का योगदान करता है। यह जानकारी सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई है। आर्थिक सर्वेक्षण और बजट दस्तावेजों में पर्यटन क्षेत्र के लिए कोई खास आंकड़ा नहीं दिया गया है। लेकिन, GSDP 2.65 लाख करोड़ रुपये होने के कारण पर्यटन का सालाना मूल्य 18,500–21,200 करोड़ रुपये के बीच है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले 4-5 सालों में पर्यटन का GSDP में योगदान 7% से बढ़कर कम से कम 15% हो जाए।