अमृतसरः मजीठा में जहरीली शराब मामले में 25 लोगों की मौत हो गई। वहीं आज पीड़ित 22 परिवारों को 2 करोड़ 20 लाख रुपये के चेक कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल की ओर से वितरित किए गए। हालांकि कुछ परिवारों को बैंक के कागजात पूरे न होने के कारण चेक नहीं दिए जा सके। वहीं कोलम्बिया में फंसे युवाओं को लेकर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनके वीडियो मेरे पास भी आए है। इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय से बातचीत जारी है, जल्द उन्हें वापिस लाने के प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दरअसल, पिछले दिनों मजीठा में जहरीली शराब मामले में करीब 25 लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पिंड मरड़ी कला पहुंचकर पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया था कि पंजाब सरकार उनके साथ है। इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि मृतक व्यक्तियों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। इसके बाद प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह ढालीवाल ने आज पिंड मरड़ी कला में पहुंचकर पीड़ित परिवारों को मुआवजे के चेक वितरित किए। 22 परिवारों को मुआवजे के चेक दिए गए। इस दौरान कुल 2 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि आज पंजाब सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को प्रदान की गई।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसने अपना वादा तीन से चार दिनों के भीतर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि मृतकों की कमी सरकार पूरी नहीं कर सकती, लेकिन मुआवजा राशि के चेक देकर उनका दुख जरूर कम किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोलम्बिया में जो पंजाबी युवाओं की वीडियो सामने आई है, वह भी मेरे ध्यान में है। इस संबंध में वे विदेश मंत्रालय से बातचीत करेंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द युवा सुरक्षित लौट सकें। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे डोंकी लगाकर विदेश जाने का रुख न करें।
जिक्र योग्य है कि मजीठा हलके के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीने से करीब 27 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी कुछ लोगों की हालत गंभीर है और वे अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस मामले को लेकर लगातार राजनीति भी हो रही है। दूसरी ओर, पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताते हुए पंजाब सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिए हैं। वहीं कई पीड़ित परिवारों ने यह भी मांग की है कि उनके बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाए।