कपूरथलाः सुल्तानपुर लोधी के मंडल क्षेत्र में बाढ़ का जायजा लेने सरकार की प्रशासनिक टीम मैदान में उतरी है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ब्रिंदर कुमार गोयल भी मौजूद रहे, जहां उन्होंने खुद लोगों के दर्द को समझने के लिए नाव द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। इस दौरान बाढ़ प्रभावित लोगों की समस्याओं को नजदीक से देखने के लिए ब्रिंदर कुमार गोयल के साथ राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल, डीसी कपूरथला और एसएसपी कपूरथला भी नाव में बैठकर लोगों के घरों तक गए। मंत्री गोयल ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी तरह उनके साथ खड़ी है और हर संभव मदद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोग किसी भी हालत में अकेले नहीं हैं, सरकार की ओर से राहत कैंप और आवश्यक सुविधाएं तुरंत उपलब्ध करवाई जा रही हैं।” लोगों के घरों में जाकर स्थिति जानने के बाद प्रशासन ने तुरंत राहत सामग्री वितरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। डीसी कपूरथला की ओर से विशेष निगरानी टीम तैनात की गई हैं ताकि कोई भी पीड़ित परिवार बिना सहायता के न रह जाए। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि फसलों के मुआवज़े के लिए सुल्तानपुर और भुलत्थ तहसीलों में विशेष गिरदावरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
गोयल ने कहा कि पंजाब सरकार पूरी तरह अलर्ट है और डैमों व दरियाओं की स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। पंजाब सरकार द्वारा पानी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 8 कैबिनेट मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो अलग-अलग ज़िलों का दौरा कर सीधे लोगों तक पहुंचेंगे। ब्यास दरिया की डी-सिल्टिंग संबंधी ड्रेनेज विभाग के मुख्य इंजीनियर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, जिस पर विचार कर पानी का स्तर घटने के बाद इसे लागू किया जाएगा। सरकार का पूरा ध्यान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, उनकी स्वास्थ्य देखभाल, राशन उपलब्ध कराना और पशुधन की देखभाल पर है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सेक्टरों में बांटकर राहत कार्य किए जा रहे हैं और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। नावों के ज़रिए बाढ़ प्रभावित गांव सांगरा जाकर ज़रूरतमंदों को सूखा राशन वितरित किया। बाढ़-रोधी कार्यों पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इन कार्यों पर पंजाब सरकार द्वारा 276 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा धुसी बांध पर 4 लाख मिट्टी से भरे बोरे रख दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किए जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि धुसी और एडवांस बांध पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें किसी प्रकार का ख़तरा नहीं है।