NIA के मामलों को लेकर स्थापित होगी विशेष अदालत
मोहालीः पंजाब कैबिनेट में आज कई अहम फैसले लिए गए। वहीं वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि मोहाली में एक विशेष अदालत स्थापित की जाएगी। सेशन और एडिशनल सेशन जज, एनआईए मामलों की सुनवाई होगी। पंजाब कैबिनेट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है। विजिलेंस ब्यूरो ने जून 2022 में धर्मसोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
जांच में पता चला कि धर्मजोत ने 1.67 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। पीएमएलए 2022 के तहत कार्रवाई की जाएगी। कैबिनेट ने मामले में मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल को सिफारिश भेजी है। दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि इंडस्ट्री के लिए राइट टू बिजनैस एक्ट को लेकर कुछ सशोधन किया गया है। इस दौरान लिमिट 25 करोड़ से 1.25 करोड़ कर दी गई है। पॉवर इंडस्ट्री डिपार्टमेंट से इसकी मंजूरी ले ली गई है।
डिफाल्टरों के लिए एकमुश्त निपटान योजना लागू की जाएगी। ओटीएस योजना के तहत ब्याज और जुर्माना वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में कई शैलरों द्वारा सरकारी खजाने में पैसे नहीं जमा करवाए गए थे। इसमें 1600 से अधिक डिफाल्टर से कुछ पैसे लेकर यानी 100 रुपए के 150 रुपए लेकर उन केसों का निपटारा किया जाएगा। ऐसे में 1104 केसों में एफआईआर दर्ज है। इनमें 50 प्रतिशत के कम वाले इस स्कीम के अधीन आएंगे। वह तीन किश्तों में पैसे जमा करवा सकते है।
जिसके बाद उसे दोबारा शैलर चलाने की अनुमति मिलेंगी। जीएसटी से पहले के केसों को ओटीएस स्कीम के तहत वन टाइम सेटलमेंट करने निपटारा किया जाएगा। एक करोड़ से 25 करोड़ तक उनका टैक्स और पैनेल्टी माफ की जाएगी। अगर 25 करोड़ से अधिक आय होती है तो उनसे टैक्स वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि एक्ट बनने के दौरान 1948 से कई केस पेडिंग पड़े हैं। 31 दिसंबर तक यह ओटीएस स्कीम चलेगी। जिसके बाद सख्ती से उक्त केसों का निपटारा करते हुए पैसे वसूले जाएंगे।
कैबिनेट में ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के तहत कॉमन भूमि की समीक्षा कर अवैध कब्जों पर जुर्माना लगाने और राजस्व वसूली का निर्णय लिया गया। इससे प्राप्त राशि का आधा हिस्सा पंचायत व आधा हिस्सा नगरपालिका को जाएगा। पंजाब में जो पुरानी खालें या पगडंडिया हैं, उन्हें नियमित किया जाएगा। जिन खालों को कमर्शियल बिल्डिंग दुकानें या अन्य निर्माण करके बेच दिया गए हैं, उसमें बिल्डर से चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा। डीसी की तरफ से राशि निर्धारित की जाएगी। कैबिनेट ने सिविल सप्लाई से जुड़े 1688 मिलर्स को राहत देते हुए बकाया राशि जमा करने के लिए ओटीएस स्कीम पेश की है। मूल राशि पर ब्याज और पेनल्टी माफ की जाएगी। जिन मामलों में 15% तक एम्बेजलमेंट है, वे किस्तों में राशि जमा कर सकेंगे।