अवैध माइनिंग को लेकर आया फैसला
मोहालीः बेअदबी के घृणित अपराध के दोषियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में मंत्रिमंडल ने आज ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराध की रोकथाम संबंधी विधेयक-2025’ को मंजूरी दी गई। यह निर्णय मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर उनकी अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले समय में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं ने लोगों के दिलों को झकझोर दिया था और समाज में बेचैनी की स्थिति उत्पन्न हुई। भारतीय दंड संहिता की धाराएं 298, 299 और 300 ऐसे मामलों को निपटाते समय इन घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए सख्त सजाओं का प्रावधान नहीं करतीं। ऐसे अपराधों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और धार्मिक सौहार्द और धार्मिक पवित्रता बनाए रखने के महत्व को समझते हुए, मंत्रिमंडल ने सजा की व्यवस्था और कड़ी करने के लिए राज्य आधारित कानून लाने की आवश्यकता महसूस की।
जिसमें किसी भी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के दोषी पाए जाने वालों के लिए उम्र कैद तक की सजा भी शामिल हो। इस संदर्भ में मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम संबंधी विधेयक-2025’ को मंजूरी दी है। इस विधेयक में पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भागवत गीता, पवित्र बाइबिल, कुरान शरीफ और अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी करने वाले दोषियों के लिए उम्र कैद सहित कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इस कानून के लागू होने से प्रदेश में धार्मिक सौहार्द, शांति, एकता और भाईचारे की नींव मजबूत करने के प्रयासों को और बल मिलेगा। इस कदम से घृणित अपराध के दोषियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित कर समाज-विरोधी और देश-विरोधी गतिविधियों को रोकने में और मदद मिलेगी।
यह उल्लेखनीय है कि अब तक ऐसा कोई विशेष कानून मौजूद नहीं था जो पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों को सीधे तौर पर संबोधित करता हो, जिसके कारण अपराधी गंभीर कार्रवाई से अक्सर बच निकलते थे। इस विधेयक का उद्देश्य सभी धर्मों और संप्रदायों से जुड़े बेअदबी के मामलों में सजाओं का प्रावधान कर इस कानूनी खामी को पूरा करना है। इस प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। इस अपराध को करने वालों को भी तीन से पांच वर्ष तक की जेल की सजा हो सकती है, जबकि अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब रैगुलेशन ऑफ करशर यूनिट्स, एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर रूल्स-2025’ को भी मंजूरी दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि करशर यूनिट, माल विक्रेता और खुदरा विक्रेता निर्धारित ढांचे के अंतर्गत काम करें। ये नियम पंजाब रैगुलेशन ऑफ करशर यूनिट्स, एंड स्टॉकिस्ट्स एंड रिटेलर एक्ट-2025 के अनुसार तैयार किए गए हैं, जो कि करशर यूनिटों द्वारा गैर-कानूनी तरीके से माइनिंग की गई रेत और बजरी की खरीद को रोकने के लिए लागू किया गया था।
नए नियम प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से लागू करने की सुविधा के लिए विस्तृत प्रक्रियाएं, निर्धारित फॉर्म, समय-सीमाएं, अधिकारियों और पालन विधियों को परिभाषित करते हैं। इनका उद्देश्य कार्यशील प्रक्रियाओं में अस्पष्टता को खत्म करना, रॉयल्टी चोरी और गैर-कानूनी खनिज व्यापार को रोकना तथा पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और कानूनी रूप से अनुकूल व्यापारिक कार्यों को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा इन नियमों से प्रदेश भर में पारदर्शिता बढ़ाने और गैर-कानूनी माइनिंग की कार्रवाई रोकने की उम्मीद है।