मोहाली: शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किए गए मजीठिया की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मोहाली की विशेष अदालत में हुई, जहां अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को आगे बढ़ाने का आदेश दिया। ऐसे में अब एक बार फिर से मजीठिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही मजीठिया की बैरक बदलने की याचिका पर भी आज सुनवाई होनी थी, जिसे कोर्ट ने 6 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आजादी दिवस के मद्देनजर 14 अगस्त को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मजीठिया को पेश किया जाएगा। अब 6 अगस्त को बैरक बदलने की याचिका पर सुनवाई होगी और 14 अगस्त को अगली पेशी के दौरान उनकी मौजूदा न्यायिक हिरासत समाप्त होगी। मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति जुटाई है। इससे पहले 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मजीठिया पर एनडीपीएस एक्ट के तहत भी केस दर्ज हुआ था।
जिसमें अब तक पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय और ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर समेत 6 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में मजीठिया की संपत्तियों पर छापेमारी हो चुकी है। सरकार का कहना है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं, जबकि मजीठिया के वकील इसे राजनीति से प्रेरित और बेबुनियाद मामला बता रहे हैं। बिक्रमजीत सिंह मजीठिया नाभा जेल में बंद हैं।
अकाली दल का आरोप है कि उनके नेताओं को जेल में मिलने नहीं दिया जा रहा है। पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल उनसे मिलने गए थे। लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। इसी तरह डॉ. दलजीत सिंह चीमा व तीन अन्य नेता भी मजीठिया से मिलने पहुंचे थे। लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई है। अकाली नेताओं का कहना है कि मानवाधिकारों का हनन है।