अमृतसरः आय से अधिक संपत्ति के आरोप में जेल में बंद शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जहां सुप्रीम कोर्ट में इस केस को लेकर मजीठिया ने याचिका दायर की है। बताया जा रहा है कि मजीठिया के केस को लेकर आज सुप्री कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। बता दें कि बिक्रम मजीठिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत ना मिलने के बाद अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।
हाईकोर्ट द्वारा नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद मजीठिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर दी है। मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। इससे पहले हाईकोर्ट के करीब 20 पन्नों के आदेश में जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने कहा था कि आर्थिक अपराध सामान्य अपराधों से अलग श्रेणी में आते हैं।
ऐसे मामलों में गहरी साजिश और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की आशंका होती है, इसलिए जमानत पर विचार करते समय अदालतों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। गौर हो कि मजीठिया केस में हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मजीठिया की राजनीतिक हैसियत और प्रभाव को देखते हुए इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं या जांच को बाधित कर सकते हैं।
इसी आधार पर अदालत ने नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया। वहीं मजीठिया की ओर से यह दलील दी गई थी कि यह मामला केवल एनडीपीएस केस के पुराने आरोपों को दोहराने जैसा है और यह सरकार की राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। अदालत ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि एनडीपीएस मामले की जांच के दौरान सामने आए नए तथ्यों और बड़ी साजिश के संकेतों के आधार पर दूसरी एफआईआर दर्ज करना कानूनन सही है।