मोगाः जिले में अस्पताल मे वर्करों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। उनका कहना है कि पंजाब में प्रशासन की ओर से बजुर्गो की फाइल तैयार करने और उनको घर पर दवाई देने के लिए आशा वर्करों की ड्यूटी लगाई गई थी। वहीं इस काम के लिए एक हजार रुपए महीना इंसेंटिव देने के लिए कहा गया था। आशा वर्करों का कहना है कि सरकारी अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें इंसेंटिव नहीं दिया गया। इसी को लेकर आज करीब 800 आशा वर्करों की ओर से सरकारी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ धरना दिया जा रहा है।
वहीं आशा वर्करों द्वारा अस्पताल में लगाए गए प्रदर्शन को लेकर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आशा वर्करों का कहना कि उन्हें पिछले एक साल से उन्हें उनका इंसेंटिव नहीं दिया जा रहा। इस समय उनका प्रति माह के हिसाब से 12000 रुपए बनते है। जिले में करीब 800 आशा वर्कर काम कर रही है। जिला प्रधान मनदीप कौर का कहना है कि अगर प्रशासन द्वारा उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वह संघर्ष तेज करने पर मजबूर होंगे।