अमृतसरः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर उन्हें मौत के घाट उतारे जाने को लेकर देश भर के लोगों में भारी रोष है। लोग पाकिस्तान और आंतकवादियों के पुतले फूंककर सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है। वहीं पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ सभी तरह के संबंध बंद करने के बाद भारत की अटारी सीमा पर भी मोदी सरकार की कार्रवाई को जोरदार समर्थन मिल रहा है।
अटारी सीमा पर 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच रोजाना होने वाली झंडा उतारने की रस्म को भी भारतीय सरकार ने पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने पर रोक लगा दी है। इसके तहत भारतीय पक्ष से पाकिस्तान के सांझा दरवाजे पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं और भारतीय सीमा के अंदर ही झंडा उतारने की रस्म पूरी करने का बीएसएफ के उच्च अधिकारियों ने निर्णय लिया है। झंडा उतारने की रस्म के दौरान भारतीय पक्ष पर पहलगाम में मारे गए निर्दोष भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पर्यटकों के मन में जहां जोश दिखा, वहीं बीएसएफ ने भी भारतीय नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि देते समय कोई भी उच्च स्वर वाले नारे न लगाने का निर्णय लिया है।
बीएसएफ के जवान पहले पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों के साथ समानांतर परेड करते थे, उस दौरान दोनों देशों के सीमा द्वार खोलकर बीएसएफ के एक उच्च अधिकारी पाकिस्तान रेंजर्स के एक उच्च अधिकारी से हाथ मिलाकर झंडा उतारने की रस्म के मौके पर हाथ मिलाकर सांझा करते थे, उसे भी अब बीएसएफ के अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया है। जिसके कारण आज पाकिस्तान रेंजर्स के साथ किसी भी प्रकार की खुशी साझा करने वाली झंडा उतराने की रस्म भारत की ओर से नहीं की जाएगी।