जालंधर, ENS: केंद्रिय मंत्री नीतिन गडकरी ने पंजाब बढ़ रहे क्राइम को लेकर सरकार को पत्र जारी करके प्रोजेक्ट रोकने की चेतावनी दी थी। वहीं भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण राजमार्ग परियोजनाओं को रद्द करने की केंद्र की धमकी के बीच पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसके अलावा रेलवे, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और बीएसएनएल के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे।
गवर्नर की तरफ से अचानक बुलाई गई बैठक के बाद राज्य सरकार एक बार फिर सोचने पर मजबूर हो गई है। राज्यपाल ने बैठक में अधिकारियों को सभी केंद्रीय परियोजनाओं में हो रही देरी को पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी परियोजना में कोई समस्या हो तो उसे लिखित रूप में रिकॉर्ड पर लाया जाना चाहिए, ताकि ऐसे मुद्दों को केंद्र और राज्य सरकार की मदद से प्राथमिकता पर हल किया जा सके। गवर्नर कटारिया ने कहा कि सभी केंद्रीय परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए हर 3 महीने में एक बैठक आयोजित की जाएगी।
इसके अलावा उन्हें समय-समय पर सभी परियोजनाओं की प्रगति के बारे में लिखित रूप से सूचित किया जाना चाहिए।राज्यपाल ने चंडीगढ़ में भारी ट्रैफिक के मुद्दे पर भी चर्चा की। इस मुद्दे पर जवाब देते हुए एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि पंचकूला को शिमला और माजरी से बद्दी को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि उदयपुर, चंडीगढ़ और जम्मू पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, जम्मू-तवी ट्रेन को दैनिक आधार पर चलाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान एयरपोर्ट आथोरिटी के अधिकारियों ने चंडीगढ़ को शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने वाली प्रस्तावित सड़क के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि सड़क के निर्माण से चंडीगढ़ से उस हवाई अड्डे की दूरी 10 किमी कम हो जाएगी। हालांकि गवर्नर कटारिया की तरफ से सीएम भगवंत मान या पंजाब सरकार के साथ केंद्रीय परियोजनाओं को लेकर कुछ पत्राचार नहीं किया है, लेकिन इसके बावजूद उनकी तरफ से बुलाई गई बैठक से सवाल खड़े हो गए हैं। पूर्व राज्यपाल से रिश्तों में खटास के बाद नए गवर्नर कटारिया के तेवर ने राज्य सरकार व अधिकारियों में हलचल पैदा की है।
हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राजमार्गों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के मुद्दों को सुलझाने के लिए गुरदासपुर और तरन-तारन जिलों के किसान नेताओं के साथ 16 अगस्त को एक बैठक भी बुलाई है। इसके बावजूद राज्यपाल ने इंतजार ना करने की जगह खुद बैठक बुला कर अधिकारियों से प्रोजेक्ट्स की जानकारी हासिल की। कटारिया जमीनी स्तर के नेता रहे हैं। राजस्थान में उनकी छवि तेज-तर्रार नेताओं में की जाती है। पंजाब के राज्यपाल नियुक्त होने समय भी जब मीडिया ने उनसे व सीएम भगवंत मान से आने वाले समय में रिश्तों पर सवाल किया था तो उनका जवाब था, ये समय बताएगा।