कपूरथलाः जिले के गांव अलोदिपुर में प्रशासन और गांव की पंचायत समेत लोग उस समय आमने-सामने आ गए, जब शहरी क्षेत्र से कूड़ा लेकर गांव की पंचायत की जमीन पर फेंकने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस मौके पर प्रशासन को लोगों के विरोध के सामने झुकना पड़ा और उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार कपूरथला नगर निगम लंबे समय से कूड़े के डंपिंग की समस्या से जूझ रहा है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गांव अलोदिपुर की एक पंचायत की जमीन की पहचान की, जिस पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई के आदेश देते हुए प्रशासनिक स्टाफ के साथ गांव अलोदिपुर में प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश की।
जैसे ही आम लोगों को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने सख्त विरोध किया। जिसका गांव की पंचायत ने भी समर्थन किया। इस दौरान गांव के सरपंच ने कहा कि पंचायत द्वारा जिस जमीन की पहचान की गई है, वह गांव की पंचायत की जमीन है और उस पर पंचायत का कब्जा है। उनका कहना है कि यह खेती योग्य जमीन है जो किसानों को खेती के लिए पट्टे पर दी जाती है। इस जमीन का कूड़ा डंप के लिए उपयोग करने से एक ओर जहां कई घर खेती से होने वाली आमदनी से वंचित हो जाएंगे। वहीं दूसरी ओर इस जमीन के पास आवासीय इलाका है।
ऐसे में कूड़े के ढेर होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में कूड़ा डंप करने से परिवारों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सभी ने मिलकर इसका विरोध किया है और प्रशासन ने न तो कोई मौखिक और न ही कोई लिखित आदेश दिए हैं, इसलिए इस चुपचाप की गई कार्रवाई का विरोध किया गया है। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे माल विभाग के अधिकारी ने कहा कि स्थिति को देखते हुए इस प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है। मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है।