पठानकोटः राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के कारण कई घर पानी की चपेट में आ गए थे। इस दौरान पानी के तेज बहाव और बाढ़ के कारण कई घर ढह गए। कई जगहों पर घर के नाम पर सिर्फ़ खाली खंडहर बचे हैं। इस आपदा से निकलने के लिए प्रशासन की ओर से घोषणा की थी कि जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके लिए प्रशासन द्वारा नए घर बनाए जाएगे। लोगों का कहना है कि इस आपदा को 3 महीने होने वाले हैं, लेकिन अभी तक इन परिवारों का नाम लेने के लिए किसी भी प्रशासन के अधिकारी ने दरवाज़ा नहीं खटखटाया है।
अपनी ज़िंदगी और कमाई को पानी में डूबा देखकर ये परिवार खून के आंसू बहाने को मजबूर हैं। ऐसी ही स्थिति ज़िले के धार कलां गांव से सामने आई है, जहां एक परिवार का घर बाढ़ की चपेट में आ गया था। परिवार का कहना है कि उन्होंने 2 साल पहले बैंक से 4 लाख रुपये का कर्ज़ लेकर एक घर बनाया था।
लेकिन इस साल आई प्राकृतिक आपदा के कारण वह घर खड़ा नहीं हो सका, जिससे घर की नींव पूरी तरह से हिल गई। परिवार ने बताया कि बाढ़ के कारण दीवारों और घर के अंदर लगे लैंटरों में दरारें आ गई हैं। ऐसे में इस आपदा से उन्हें निकालने के लिए ना तो किसी समाजसेवी संस्था ने सुध ली और न ही किसी पार्टी के नेता या प्रशासन ने अभी तक कोई मदद की है। ऐसे में अब पीड़ित परिवार खुद को असहाय समझ रहा है। परिवार अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है।