पटियालाः जिले में पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 7 अवैध हथियार बरामद किए है। जिनमें 3 अवैध पिस्तौल 30 बोर, 3 अवैध पिस्तौल 32 बोर, एक देसी कट्टा 315 बोर, 10 मैगजीन और 11 कारतूस बरामद किए गए। एसएसपी पटियाला वरुण शर्मा 24 मई 2025 गांव देण कलां निवासी दलविंदर सिंह पर 7-8 अज्ञात व्यक्तियों ने जान से मारने की नीयत से तलवारों और रॉड से हमला किया था। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर थाना सदर में केस नंबर 78/2025 दर्ज किया गया था। जिसमें तेजिंदर सिंह उर्फ फौजी व अन्य अज्ञात आरोपी नामजद किए गए। जिसके बाद आज 5 आरोपियों को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। तेजिंदर सिंह पहले से ही हत्या के केस नंबर 38/2022 में जेल में बंद था।
उसे 13 जून 2025 को फिरोजपुर सेंट्रल जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि जेल से ही उसने अपने साथियों सुखचैन सिंह उर्फ सुखी, राहुल उर्फ कड्डू, विपल कुमार उर्फ बिट्टू, और देव करण को दलविंदर सिंह पर हमला करने का निर्देश दिया था। 14 जून 2025 को सुखचैन सिंह और राहुल को गिरफ्तार किया गया। 16 जून को विपल और देव को भी गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 32 बोर की 1 अवैध पिस्तौल, 7 जिंदा कारतूस, 2 मैगजीन और 315 बोर का 1 देसी कट्टा बरामद किया गया।
आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अवैध हथियार मध्य प्रदेश से खरीदकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं। पूछताछ के बाद आरोपियों की निशानदेही पर 18 जून को 5 और हथियार, 3 पिस्तौल 30 बोर, 2 पिस्तौल 32 बोर, 8 मैगजीन और 3 कारतूस बरामद किए गए। एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि तेजिंदर सिंह उर्फ फौजी, जिंदा हत्या केस में मृतक के परिजनों पर राजीनामा के लिए दबाव बना रहा था। दलविंदर सिंह, मृतक जिंदा का दोस्त था जो इस राजीनामा का विरोध कर रहा था। इसी वजह से तेजिंदर ने जेल से ही हमला करवाया। तेजिंदर और राहुल पहले जेल में साथ रह चुके हैं और वहीं से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के अन्य सदस्यों से संपर्क में आए।
इनका उद्देश्य पंजाब में पटियाला समेत कई इलाकों में टारगेट किलिंग की घटनाएं अंजाम देना था। यदि ये हथियार बरामद नहीं होते तो कई बड़ी घटनाएं हो सकती थीं। आरोपियों को कोर्ट में पेश करके पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। फिलहाल सभी आरोपी 19 जून 2025 तक पुलिस रिमांड पर हैं। पुलिस आज इन्हें कोर्ट में पेश कर आगे की रिमांड मांगेगी ताकि और भी खुलासे किए जा सकें। पुलिस का मानना है कि यदि यह कार्रवाई समय रहते न की जाती तो यह गैंग पंजाब में शांति भंग कर सकता था।