कपूरथलाः भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम के तहते विजिलेंस की टीम ने सिविल अस्पताल भुल्लथ में घोटाले का पर्दाफाश किया है, जहां कर्मचारी फर्जी निगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत ले रहे थे। विजिलेंस की टीम ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मनप्रीत सिंह उर्फ सोनू वार्ड अटेंडेंट और भोलू उर्फ इस्माइल के रूप में हुई है। तीसरा आरोपी मान सिंह, संविदा प्रयोगशाला तकनीशियन है, जल्द उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मामले की जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि जांच में पता चला है कि उक्त आरोपियों ने शिकायतकर्ता से उसे नेगेटिव डोप टेस्ट रिपोर्ट जारी करने के लिए 10,000 रुपए की मांग की थी। आगे की जांच से पता चला है कि आरोपी नियमित रूप से टेस्ट के नतीजों में हेरफेर करने के लिए रिश्वत ले रहे थे, जिसका इस्तेमाल बाद में हथियार लाइसेंस आवेदनों और नवीनीकरण के लिए किया जाता था।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत की मांग और सकारात्मक और गलत दोनों तरह की नकारात्मक रिपोर्ट के सबूत पेश किए। उन्होंने आगे बताया कि जालंधर रेंज के विजीलैंस ब्यूरो थाने में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 7 और 7ए और बीएनएस की धारा 61(2) के तहत एफआईआर नंबर 19 दिनांक 17/04/2025 दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि डॉ. मोहितपाल और फरार लैब टेक्नीशियन मान सिंह की भूमिका की जांच की जा रही है। विजीलैंस ब्यूरो अन्य स्टाफ सदस्यों की संलिप्तता और घोटाले की पूरी सीमा की भी जांच कर रहा है।