9 सितंबर को अंबाला से शुरू की थी दौड़, 18 दिन बाद पहुंचा अमृतसर
अमृतसरः हर किसी को कोई न कोई शौक जरूर होता है। जिसके लिए वह अपनी जी जान लगा देते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें एक युवक दौड़ लगाकर अंबाला से श्री दरबार साहिब अमृतसर पहुंचा। जहां सबसे पहले श्री दरबार साहिब में नतमस्तक हुआ। नौजवान अमरप्रीत सिंह ने बताया कि उसके पिता सुखवंत सिंह जो कि हॉकी के हरियाणा स्टेट खिलाड़ी थे। उसे 2015 में दौड़ का शौक पैदा हुआ।
पिता की मौत के बाद घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया था। जिसके बाद दादा जी की पेंशन से गुजारा चलाया। दादा जी बिजली विभाग में कार्यरत थे। पिता जी के नकशे कदमों पर चलते उन्होंने दौड़ लगाकर अंबाला से अमृतसर पहुंचने का मन बनाया। जिसके बाद वह आज श्री दरबार साहिब अमृतसर पहुंचे है। अमरप्रीत सिंह ने बताया कि 9 सितंबर को अपने गांव से दौड़ को शुरू किया। जिसके बाद रोजाना 20 किलोमीटर दौड़ लगाता था और 27 सितंबर को वह सचखंड श्री दरबार साहिब में पहुंचकर अपनी दौड़ खत्म की। 20 किलोमीटर की दौड़ के लिए उसे डेढ़ से 2 घंटे का समय लगता था। अमरप्रीत ने बताया कि दौड़ का मुख्य लक्ष्य अपने धर्म को पूरी दुनियां में प्रफूलित करना है। एथलैटिक्स में वह 6 मैडल जीत चुके है, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई भी मदद नहीं की गई। इस पूरे सफर में उसका दोस्त भी साथ में था। जो बाइक पर वीडियो बनाता रहा।
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