बठिंडाः प्रदेश में हर साल नरमे की फसल को हो रहे नुक्सान के कारण नरमे की फसल का रकबा घटकर लगभग आधा रह गया है। सफेद मक्खी व गुलाबी मक्खी के हमले से किसान काफी ड़रे हुए हैं।
इस साल भी बठिंडा जिले में गुलाबी सुंड़ी व सफेद मक्शी के हमले के कारण नरमे की फसल बर्बाद हो गई। बठिंडा के तुंगवाली गांब में एक किसान की तीन एकड़ ज़मीन पर उगाई नरमें की फसल पर गुलाबी सुंड़ी व सफेद मक्शी के हमले से बर्बाद हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक किसान ने जिस ज़मीन पर यह फसल उगाई थी उसमें से डेढ़ एकड़ जमीन किसान की खुद की थी और डेढ़ एकड़ जमीन वह ठेके पर लेकर खेती करता था । उपमी फसल को बचाने के लिए उसने कीटनाशकों पर प्रति एकड़ 10 से 15 हजार रुपये खर्च किए। किसानों ने कृत्रिम कीटनाशक और बीज का कारोबार करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की और किसानों को कम से कम 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है।
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