चंडीगढ़ः पंजाब यूनिवर्सिटी को लेकर मामला एक बार फिर से गरमा गया है। आज पंजाब- चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा की ओर से प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। इस दौरान यूनिवर्सिटी के गेटों के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर भारी फोर्स सुबह ही तैनात कर दी गई थी। पुलिस ने फर्नीचर मार्केट के पास भारी बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें सीमा पार करने से रोका। इसके बावजूद नेताओं ने जबरन बैरिकेड पर चढ़कर चंडीगढ़ में दाखिल होने की कोशिश की, जिस पर हल्की झड़प हो गई। स्थिति बिगड़ते ही पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में लेकर बसों में बैठाकर ले जाया।
पुलिस का कहना था कि किसी भी हाल में यूथ कांग्रेस को चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। दरअसल, यूनिवर्सिटी के सीनेट चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। इस बीच बुधवार काे पंजाब- चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा के सदस्य मानकीरत सिंह मान और रणबीर सिंह ढिल्लों ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 3 नवंबर को पंजाब और चंडीगढ़ में स्थित भाजपा के सभी कार्यालयों का घेराव किया जाएगा।
बता दें कि, इससे पहले पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा के सदस्यों की तरफ से आज यूनिवर्सिटी बंद का ऐलान किया गया था। मगर इससे पहले ही पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छुट्टी का ऐलान कर दिया है और पहले स्थगित की गईं परीक्षाएं भी आगे टाल दी हैं। उधर, यूथ कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पंजाब के अधिकारों पर लगातार “धक्का” कर रही है। चाहे कृषि कानून हों, बाढ़ राहत में देरी, पीयू में पंजाब के हिस्से पर विवाद या चंडीगढ़ संबंधी बिल। प्रदर्शन में यूथ कांग्रेस के नेशनल प्रधान उदय भानु भी मौजूद रहे।
यूथ कांग्रेस का यह प्रदर्शन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ है। नेताओं का आरोप है कि पहले किसानों पर तीन कृषि कानून थोपे गए, फिर पंजाब में आई बाढ़ के दौरान केंद्र ने पर्याप्त मदद नहीं दी। इसके अलावा, पीयू से पंजाब का हिस्सा खत्म करने और अब चंडीगढ़ पर परोक्ष कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है- “चंडीगढ़ पंजाब के गांव उजाड़कर बना है, इसे किसी कीमत पर छीनने नहीं देंगे।”