अमृतसर। भारत में सावन के महीने का बहुत महत्व है। इस महीने में होने वाली बारिश हर जगह हरियाली और खुशियां लेकर लाती है लेकिन अमृतसर के विश्व प्रसिद्ध दुर्गियाना तीर्थ में स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में इस महीने का विशेष महत्व है। यहां माथा टेकने के लिए नवविवाहित जोड़े मंदिर में सोने के आभूषणों के बजाय मोती और अन्य फूलों के हार पहनते हैं और अपने परिवार के कल्याण और पुत्र के जन्म के लिए भगवान लक्ष्मी नारायणजी से प्रार्थना करतीं हैं।
सावन के महीने का इंतजार पूरी दुनिया को रहती है, लेकिन खास तौर पर भारत और अमृतसर के नवविवाहित जोड़ों को इसका खास इंतजार रहता है, दरअसल इस महीने में नवविवाहित जोड़े सोने के आभूषणों की जगह फूलों से श्रृंगार करते हैं। वे फूलों की कलियों की मालाओं के साथ आते हैं। दुर्गियाना तीर्थ स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में जहां सपरिवार माथा टेकने के लिए लोग आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नवविवाहित जोड़ों के बीच सावन माह की खुशी का माहौल देखने को मिला, नवविवाहित जोड़ों ने यहां सोने के गहनों की बजाय फूलों की मालाओं से आभूषणों से सजावट की।
शादी करने वाले जोड़ों के चेहरे पर खुशी के साथ उनके चेहरे फूल की तरह खिले हुए थे, इन नवविवाहित जोड़ों का कहना है कि उनके माता-पिता की इच्छाएं भी यहां से पूरी हुईं और उन्हें भी इस बात का पूरा विश्वास है कि उनकी इच्छाएं भी पूरी होंगी और भगवान उन्हें आशीर्वाद देंगे। इस महीने में श्री कृष्ण राधा जी को फूलों से सजाया जाता है, इसीलिए मंदिर में भगवान की पूजा भी की जाती है, मूर्तियों को फूलों से सजाया जाता है, इस महीने में नवविवाहित जोड़े फूलों से सजकर मंदिर में आते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं। परिवार की खुशहाली और पुत्र प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है, ताकि उनका वंश चलता रहे। और नवविवाहितों के बीच प्यार बना रहे।