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पंजाबः बर्खास्त SHO इंदरजीत को लेकर गृह विभाग ने DGP से मांगा जवाब

चंडीगढ़ः नशा तस्करी के आरोप में बर्खास्त किए गए थानेदार इंद्रजीत सिंह के मामले में पंजाब के गृह विभाग ने डीजीपी गौरव यादव को एक और पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि डीजीपी पिछले पत्र में इंद्रजीत सिंह के बारे में जानकारी नहीं दी थी।पत्र में कहा गया है कि इंद्रजीत को तरनतारन और होशियारपुर में तैनात करने वाले अधिकारी के नाम का उल्लेख किया जाए। जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि विभागीय जांच में इंद्रजीत को क्लीन चिट देने वाले अधिकारियों के नाम भी बताए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि डीजीपी ने 20 अप्रैल को लिखे पत्र में इंद्रजीत के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी थी। बर्खास्त अधिकारी इंद्रजीत सिंह पर दोष है कि वह बेकसूर को नशा तस्करी के झूठे मामलों में फंसाने का धंधा चलाता था।

उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से तस्करी के जरिए नशा मंगवाता ता और पैसा इकट्ठा करने के बेकसूरों को नशे के मामले में फंसाता था या नशा बेचने के लिए मजबूर करता था। वह फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के कर्मचारियों से मिलीभगत कर किसी न किसी तरह से तस्करों की रिहाई सुनिश्चित करता था। उल्लेखनीय है कि इंदरजीत सिंह पर अपने साथी स्वर्गीय गुरजीत सिंह, साहब सिंह, दलबीर सिंह और बर्खास्त बीएसएफ जवान सुरेश कुमार त्यागी आदि तस्करों की मदद से पाकिस्तान से नशीले पदार्थ मंगवाने के आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह भी पता चला कि इंद्रजीत सिंह (ओआरपी/इंस्पेक्टर, अब बर्खास्त) ने कई तस्करों और एक अन्य व्यक्ति से पैसों की वसूली की। एसआईटी की जांच में यह बात भी सामने आई कि कई ऐसे अधिकारी जिन्होंने समय-समय पर इंद्रजीत सिंह को अपने अधीन तैनात किया। आरोप है कि उनकी मिलीभगत उन अधिकारियों से थी और यह एक अलग जांच का विषय है।

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