चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पठानकोट, गुरदासपुर और सीमावर्ती इलाकों में खनन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने तर्क दिया कि इन जगहों पर किसी भी तरह का खनन देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। पंजाब सरकार के जवाब के बारे में हाईकोर्ट का कहना है कि इसमें एक भी शब्द नहीं है जो बता सके कि अवैध खनन को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से अगली सुनवाई पर जवाब मांगा है कि वह खनन रोकने के लिए क्या कर रही है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अवैध खनन के कारण पठानकोट में रेलवे पुल ढह गया। यह पुल हिमाचल और पंजाब को जोड़ता था। यह सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण और सामरिक था। इस पर कोर्ट ने चिंता जताई है। हाईकोर्ट ने कहा, सिर्फ सीमावर्ती इलाके और देश की सुरक्षा के लिए खनन नहीं रोका जा सकता। पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि पंजाब सरकार अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए वचनबद्ध है और इस संबंध में बैठक की जा रही है।
पंजाब के मुख्य सचिव ने भी वहां का दौरा किया, जिस पर हाईकोर्ट ने इस संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। पंजाब सरकार का जवाब देखने के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अवैध खनन के खिलाफ कुछ क्यों नहीं किया जा रहा है? राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं हो सकता। इतने बड़े मुद्दे पर पंजाब सरकार के अधिकारी क्या कर रहे हैं?
उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीएसएफ, आर्मी ने अपना जवाब दे दिया है। यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। पंजाब सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। बीएसएफ सेना ने कहा है कि इससे घुसपैठ बढ़ सकती है। हथियारों, नशो की तस्करी का खतरा है। फिर भी कुछ क्यों नहीं किया जा रहा है, बीएसएफ कह रही है कि इतने लोग अवैध खनन करते हैं कि हम इसको काबू नहीं कर सकते। इस तरह का हलफनामा दाखिल करने का क्या फायदा, जब जमीन पर कुछ नहीं हो रहा है।
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