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Punjab: जून माह में गर्मी ने तोड़े रिकार्ड, 47.5 डिग्री पहुंचा पारा 

Punjab: जून माह में गर्मी ने तोड़े रिकार्ड, 47.5 डिग्री पहुंचा पारा  Punjab: जून माह में गर्मी ने तोड़े रिकार्ड, 47.5 डिग्री पहुंचा पारा 

मोहालीः पंजाब में बढ़ रही गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। वहीं जून माह में भी पुराने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पंजाब में लू के प्रकोप के चलते बुधवार को पारा 47.5 डिग्री पहुंच गया। तापमान में 1 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे अब यह सामान्य से 6.5 डिग्री ऊपर पहुंच गया है। अमृतसर, पठानकोट, पटियाला, बठिंडा व गुरदासपुर में लू का अधिक प्रकोप रहा। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए भी हीट वेव का अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि शुक्रवार को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हल्की बारिश की भविष्यवाणी की गई है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के डायरेक्टर एके सिंह के मुताबिक यह पश्चिमी विक्षोभ काफी कमजोर है, जिसके चलते केवल पहाड़ों से लगे इलाकों में ही शुक्रवार को हल्की बारिश होने की संभावना है। इसका तापमान पर कोई असर देखने को नहीं मिलेगा।

पंजाब में 47.5 डिग्री के साथ फरीदकोट सबसे गर्म रहा, वहीं अमृतसर का 46.0 डिग्री (सामान्य से 6.4 डिग्री अधिक), लुधियाना का 45.0 डिग्री (सामान्य से 6.7 डिग्री अधिक), पटियाला का 45.3 डिग्री (सामान्य से 6.1 डिग्री ऊपर), पठानकोट का 45.8, बठिंडा का 47.4 डिग्री, बरनाला का 44.3, फिरोजपुर का 45.0, मोगा का 43.7, जालंधर का 43.8 डिग्री दर्ज किया गया। पंजाब के न्यूनतम तापमान में 0.9 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। फिलहाल यह सामान्य के नजदीक बना है। सबसे कम 22.4 डिग्री का पारा फरीदकोट का रहा। वहीं अमृतसर का न्यूनतम पारा 28.2 डिग्री (सामान्य से 3.7 डिग्री ऊपर), लुधियाना का 28.5 डिग्री (सामान्य से 2.9 डिग्री ऊपर), पटियाला का 26.9 डिग्री (सामान्य से 0.2 डिग्री अधिक), पठानकोट का 27.8, बठिंडा का 28.2, बरनाला का 25.5 और जालंधर का 26.3 डिग्री दर्ज किया गया।

वहीं चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 45.5 रिकॉर्ड हुआ। बुधवार जून का अब तक सबसे गर्म दिन रहा। साल 2018 के बाद दूसरा मौका है जब पारा 45.5 डिग्री पहुंचा है। इससे पहले साल 2022 में भी 6 जून को तापमान 45.5 था। वहीं, एयरपोर्ट पर अधिकतम तापमान 45.5 दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री रहा। निदेशक का कहना है कि मौसम में जब भी हद से ज्यादा बड़ा बदलाव देखा जाता है तो ग्लोबल वार्मिंग का असर होता है, जो धीरे-धीरे दिखाई देता है। मानसून गुजरात के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। आखिरी हफ्ते तक यहां आने की उम्मीद है।

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