जालंधर, ENS: एपीजे कॉलेज की स्वर्ण जयंती एवं छठे राजेश्वरी कला-महोत्सव महाकुंभ की शुरुआत के मौके जालंधर में पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि मैं उस संस्था में हूं, जहां डॉ. सत्यपॉल के समर्पण से इतना बड़ा कला का साम्राज्य स्थापित हो गया। जो लोग अपने साथ काम करने वाले लोगों की सराहना करते हैं, उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। वहीं भारत ही एक ऐसा देश है, जहां भगवान मां की कोख से जन्म लेते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं। जब कोई व्यक्ति समर्पण से किसी काम में लगता है तो सफल जरूर होता है।
2047 में विश्व गुरु बनने के लिए जरूरी है घोषणा से ज्यादा उसको सफल करने के लिए काम करना। इस दौरान उन्होंने महाराणा प्रताप के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि समाज को जागृति करने के लिए मॉडल चाहिए। आदमी देख कर सीखता है, भाषण से नहीं। इसमें शिक्षण संस्थाओं का अहम रोल है यहां आदमी घड़ा जाता है मूर्तियां नहीं। समाज में आगे बढ़ना है तो शिक्षा को संस्कार के साथ जोड़ना जरूरी है। उन्होंने अपनी पैदल यात्रा और नशे के बारे में भी बात की।बता दें कि राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया 3 अप्रैल से पंजाब दौरे पर ही है। जहां राज्यपाल कटारिया लगभग एक सप्ताह के दौरे पर रहेंगे। उनके इस दौरे की खास बात यह है कि राज्यपाल पैदल यात्रा भी करेंगे।
सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक और फतेहगढ़ चूड़ियां में पैदल यात्रा करके प्रदेश निवासियों को नशे के विरुद्ध लामबंद करेंगे। राज्यपाल द्वारा से नशे के विरुद्ध पैदल यात्रा की शुरुआत 3 अप्रैल को सुबह 7 बजे श्री करतारपुर साहिब काॅरिडोर से की जाएगी जो सेंट फ्रांसिस स्कूल, डेरा बाबा नानक में आकर समाप्त होगी। पैदल यात्रा में जिले के नौजवान, खिलाड़ी, विद्यार्थी, लेखक, बुद्धिजीवी, विभिन्न सामाजिक संगठनों के नुमांइदे व आम लोग हिस्सा लेकर पंजाब को नशा मुक्त करने की शपथ लेंगे। यात्रा के दौरान राज्यपाल की ओर से विलेज डिफेंस कमेटियों के नुमांइदों के साथ भी मीटिंग की जाएगी।