मोहालीः केंद्र सरकार द्वारा रोका गया आरडीएफ फंड अभी तक नहीं मिला है। केंद्र सरकार को पंजाब को करीब 6 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना है। उधर, गांवों की सड़कें बदहाल हो गई हैं। अभी तक सड़कों की मरम्मत नहीं करायी गयी है। जिसके लिए अब पंजाब सरकार नाबार्ड से करीब 1800 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है, ताकि इस ऋण से राज्य की संपर्क सड़कों की मरम्मत की जा सके। पिछले साल 3 जुलाई को मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से करीब 200 करोड़ रुपये का लोन लेने को लेकर हरी झंडी दी थी। राज्य में लिंक सड़कों की मरम्मत का काम ठप होने के कारण पंजाब मंडी बोर्ड अब नाबार्ड से 1800 करोड़ का और कर्ज लेने की तैयारी कर रहा है।
पंजाब में हर 6 साल में सड़कों की मरम्मत होती है, लेकिन राज्य में 3 साल से मरम्मत का काम नहीं हुआ है। वर्तमान में पंजाब में 30,237 लिंक सड़कें हैं जिनकी कुल लंबाई 64,878 किमी है। वर्ष 2022-23 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 की लगभग 8105 संपर्क सड़कें मरम्मत हेतु शेष हैं, जिनकी लंबाई 17,406 किमी है। इन सड़कों की मरम्मत के लिए 2892 करोड़ के फंड की जरूरत है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास फंड बंद करने के बाद पंजाब सरकार ने लिंक सड़कों की मरम्मत के लिए नया कर्ज लेने का फैसला किया है।
संपर्क मार्गों की जर्जर हालत का मुद्दा लोकसभा चुनाव में उठा था। पंजाब मंडी बोर्ड ने 14 जून को नया प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार ने मार्केट फीस 3 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दी है, जिससे पंजाब मंडी बोर्ड की आर्थिक स्थिति काफी मुश्किल हो गई है। पंजाब मंडी बोर्ड के पूर्व अधिकारी कुलबीर सिंह मट्टा का कहना है कि केंद्रीय फंड रोके जाने के कारण लिंक सड़कों की मरम्मत में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा फंड रोकने का खामियाजा पंजाब की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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