चंडीगढ़ : पंजाब में ग्रामीण मजदूर यूनियन और भूमि संघर्ष कमेटी द्वारा 11 मार्च को ट्रेनों का चक्का जाम करने का ऐलान किया गया है। ग्रामीण मजदूर यूनियन प्रदेश अध्यक्ष तरसेम पीटर, सचिव कश्मीर सिंह घुगशोरे और भूमि प्राप्ति संघर्ष समिति अध्यक्ष मुकेश मलौद ने कहा- ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए मजदूरों की मांगों पर केंद्र और पंजाब सरकार ध्यान नहीं दे रही। इस प्रथा के खिलाफ रेल का चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में लैंड सीलिंग एक्ट 1972 के मुताबिक, कोई भी परिवार साढ़े 17 एकड़ से ज्यादा जमीन का मालिक नहीं हो सकता। लेकिन इस कानून की धज्जियां उड़ाकर बड़े जमीन मालिकों के पास सैकड़ों एकड़ जमीन है और दूसरी तरफ श्रमिक परिवारों के पास रहने के लिए पर्याप्त सामान नहीं है, यहां तक कि छत भी नहीं है।
कमेटी ने कहा है कि दलितों को आवंटित नजूल एवं अस्थाई सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाकर उनका मालिकाना हक दिलाना, दलितों को एक तिहाई पंचायत भूमि स्थायी रूप से देना, प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना तथा वृद्धों, विधवाओं एवं विकलांगों को 15 हजार रुपए देना, ग्रामीण मजदूर यूनियन पंजाब और भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी ने प्रतिमाह पेंशन भुगतान के बिना मजदूरों पर दर्ज सभी कागजात रद्द करने की मांग को लेकर ये चक्का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चक्का जाम के ऐलान को सफल बनाने के लिए आज से पंजाब भर के सैकड़ों गांव में अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत गांव में दीवार पोस्टर, नुक्कड़ सभाएं, रैलियां, जत्था मार्च, पैदल यात्रा आदि के जरिए कार्यकर्ताओं को लामबंद किया गया है।