फिरोजपुर: सतलुज का उफान तेज होने के बाद देश का अंतिम गांव कालूवाला पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और वहां के लोगो ने अपना सामान उठाकर सरकारी स्कूल में पलायन शुरू कर दिया है। गांव में 3 दिन से बिजली न होने तथा मेडिकल सुविधा न पहुंचने के कारण लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गांव में पूजा नामक एक गर्भवती महिला है, जिसे अभी तक कोई भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिली है। गांव के कुछ घरों में चार फीट तक पानी है और लोगों ने सरकारी प्राइमरी स्कूल में शरण ली है, ताकि उनका नुकसान होने से बच सके। पलायन करने वालो में जीवन सिंह, चिमन सिंह, रतन सिंह और जंजीर सिंह का परिवार शामिल है, जिन्होंने अपने घर का सारा सामान स्कूल में रख लिया है।

गांव में आने-जाने का कोई रास्ता न होने तथा सतलुज में बहाव तेज होने के कारण यहां का सरकारी स्कूल में भी चार दिन से बंद है और कोई भी प्रशासनिक सेवा इस गांव में नहीं पहुंच रही है। लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। टेंडीवाला में सतलुज के साथ मिट्टी के बैग की नोच पर पानी आने के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पानी की टक्कर इन बैग को तेज बहाव में लगती है तो उनके खेत पानी से भर जाएंगे और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि यहां पर तुरंत बैग लगवाए जाएं, ताकि तेज बहाव को गांव में आने से रोका जा सके। उधर, डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने कहा कि कहा कि प्रशासन द्वारा बचाव हेतू अनेकों प्रबंध किए जा रहे हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वह सतलुज क्रॉस करने की बजाय सुरक्षित स्थानो पर रहें।