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पंजाबः विरासत-ए-खालसा और दास्तान-ए-शहादत के लिए ई-बुकिंग सुविधा शुरु

चंडीगढ़:  साल 2022 के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार की तरफ से राज्य में पर्यटन को उत्साहित करने के लिए कई तरह के प्रयास किये गए थे, जिनमें पंजाब के इतिहास को दर्शाती विरासती इमारतें और अजायब घरों का संरक्षण भी शामिल है जिससे अन्य राज्यों के सैलानियों को पंजाब की तरफ आकर्षित किया जा सके। इस सम्बन्धी और ज्यादा जानकारी देते हुए पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामले, श्रम, निवेश प्रोत्साहन और शिकायत निवारण मंत्री अनमोल गगन मान ने बताया कि सैलानियों की सुविधा के लिए विरासत-ए-खालसा और दास्तान-ए-शहादत में एंट्री के लिए ई-बुकिंग सुविधा की शुरुआत की गई है जिससे सैलानियों यहां पहुंचने पर कोई परेशानी न आए।

उन्होंने बताया कि दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए 41वें भारत अंतर राष्ट्रीय व्यापार मेला- 2022 में पंजाब डे समागम के दौरान पंजाब पैवीलियन का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर पंजाब राज्य की विरासत और संस्कृति को दर्शाती प्रदर्शनियाँ लगा कर राज्य के इतिहास के बारे लोगों को अधिक से अधिक अवगत करवाया गया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने शहीद भगत सिंह के पैतृक गाँव खटकड़ कलाँ में शहीद भगत सिंह अजायब घर को अपग्रेड करने का फ़ैसला किया है जिससे देश के नौजवानों को महान आज़ादी सेनानी के जीवन से जानकारी और प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि इस म्युजिय़म को नवीनतम मल्टी-मीडिया तकनीकों, प्रोजैक्शन मैपिंग, ग्राफिक सामग्री और ऑडियो और वीडियो सामग्री की मदद से अपग्रेड किया जायेगा। सरकार यादगार के नवीनीकरण के काम पर 3.57 करोड़ रुपए ख़र्च करेगी।

इसके इलावा उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर लोधी में पिंड बाबे नानक दा अजायबघर बनाने के लिए ज़मीन अधिग्रहण करने हेतु 29.24 करोड़ रुपए जि़ला प्रशासन, कपूरथला को जारी किये गए हैं। उन्होंने व्याख्या की कि पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एंग्लो-सिख वार सर्किट विकसित करने का फ़ैसला किया गया है। सरकार ने एंग्लो-सिख वार सर्किट के विकास के लिए 15.50 करोड़ रुपए अलॉट किये हैं। सर्किट के विकास में नवीनतम मल्टी-मीडिया तकनीकों की मदद से यादचिन्हों का नवीनीकरण और संभाल शामिल होगी।

इसके इलावा उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की अलग-अलग स्मारकों और विरासती जायदादों जैसे कि शीश महल, पटियाला, महेन्दरा कोठी, पटियाला, बनासर बाग़, संगरूर, किला मुबारक की रेस्टोरेशन और कंजरवेशन के काम किये गए और अन्य ऐतिहासिक विरासतों के संरक्षण को भी यकीनी बनाया जा रहा है। उन्होंने इस बात की व्याख्या की कि राज्य के पर्यटन के बारे सैलानियों को अधिक से अधिक अवगत कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग प्रचार समागम करवाए गए।

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