फगवाड़ाः गुरुद्वारा साहिब में बेअदबी करने की कोशिश के मामले में निहंग रमनदीप सिंह मंगू मठ के डोप टेस्ट में खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक डोप टेस्ट में खुलासा हुआ है कि मंगू के खून से ‘ड्रग्स के अंश’ मिले है। उसके ब्लड सैंपल से डाक्टरों को ब्यूपरनोर्फिन, बेंजोडायजेपाइन और मॉर्फिन मिली है। इससे पहले मंगू पर 9 FIR लुधियाना के अलग-अलग थानों में दर्ज है। मंगू पर अमृतसर सहित अन्य राज्यों में केस दर्ज है। मंगू का पुराना आपराधिक रिकार्ड पुलिस खंगाल रही है। उधर, फगवाड़ा गुरुद्वारे में निहंगों द्वारा मारे गए युवक के चाचा द्वारा उसकी पहचान की गई। मृतक विशाल कपूर का शव करतारपुर के रहने वाले उनके चाचा को सौंप दिया गया था जिन्होंने उनका अंतिम संस्कार किया। विशाल के चाचा एनआरआई हैं। जिन्होंने कहा कि वह लंबे समय से अपने भतीजे के संपर्क में नहीं थे।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा द्वारा पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को लिखे एक पत्र ने पुलिस को मुश्किल में डाल दिया है क्योंकि उन्होंने उनकी हत्या से तीन घंटे पहले सूचना के बावजूद मामले को समय पर संभालने में उनकी विफलता पर सवाल उठाया है। हालांकि इस मामले की जांच कर रहे फगवाड़ा के एसपी गुरप्रीत सिंह ने ऐसे आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस को सूचना दी गई तब तक हत्या हो चुकी थी। एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) गुरिंदर ढिल्लों ने कहा कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। हम एक-दो दिन में और अधिक खुलासे करेंगे। निहंग रमनदीप सिंह मंगू मठ ने हत्या करने से पहले युवक की वीडियो बनाई। जिसमें निहंग युवक से पूछताछ कर रहा है। युवक कहता है कि उसे बेअदबी के लिए 2 से 3 हजार रुपए मिलने थे। युवक ने कहा कि उसे सुखी ने भेजा। उसे कहा कि गुरुद्वारे में जाकर बैठना और उल्टा-सीधा काम करना। मगर मैंने कुछ किया नहीं। मैं ईमानदार और मेहनती हूं।
आगे निहंग ने पूछा कि क्या उसे बाणी के साथ कुछ करने को कहा था तो युवक बोला कि हां, मुझे छेड़छाड़ और अपशब्द लिखने को कहा था। युवक बार-बार कहता रहा कि मैंने कुछ नहीं किया। युवक ने पूछताछ में पहले कहा कि वह फगवाड़ा का रहने वाला है। कुछ देर बाद उसने कहा कि वह दोसांझ कलां का रहने वाला है। उसे सुक्खा नाम के व्यक्ति ने बेअदबी के लिए भेजा था। गुरुद्वारा के सेवादारों ने कहा कि युवक से कुछ फोन नंबर प्राप्त किए गए हैं जोकि हरियाणा के बताए जा रहे हैं। गुरुद्वारा कमेटी और पुलिस के बीच हुई मीटिंग भी हुई थी। कमेटी की तरफ से पुलिस को आरोपी की पहचान करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
