मलेरकोटलाः पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई मुहिम के तहत विजिलेंस की टीम ने मलेरकोटला के सरकारी अस्पताल में रिश्वत लेते डॉक्टर के अटेंडेंट को रंगेहाथ काबू किया है। अटेंडेंट इमरान ने एक मरीज के तीमारदार से सर्जरी की डेट को आगे बढ़ाने की एवज में 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इमरान सरकारी अस्पताल के सर्जन डॉ चमनजोत के साथ बतौर अटेंडेंट तैनात है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि मलेरकोटला में खुशहाल बस्ती में रहने वाले नाजम ने शिकायत दी थी कि उसकी पत्नी को पित्त में पथरी है। पत्नी की सर्जरी होनी थी। पत्नी को सर्जन डॉ चमनजोत के अटेंडेंट इमरान ने लंबी तारीख दे दी। नाजम ने इमरान के रिक्वेस्ट की कि वह तारीख को पहले कर दे, उसकी पत्नी को ज्यादा तकलीफ है।
पहले तो इमरान टाल मटोल करता था, बाद में उसे सर्जरी की तारीख पहले रखने के लिए 6 हजार रुपए की डिमांड की। इसके बाद नाजम ने पैसे देने के बजाय विजिलेंस को शिकायत दे दी। जांच के बाद विजिलेंस ने ट्रैप लगाया और गवाहों की मौजूदगी में अटेंडेंट इमरान के पास नाजम को पैसे देकर भेजा।
जैसे ही नाजम ने इमरान को पैसे दिए तो विजिलेंस टीम ने उसे दबोच लिया। इमरान की जेब से जो नंबर नोट कर करेंसी दी गई थी वह बरामद की गई। उन नोटों को पर केमिकल लगाकर दिया गया था। जब इमरान के हाथ धुलवाए गए तो वह रंगीन हो गए। इसके बाद टीम इमरान को अपने साथ ले गई।