हारने के बावजूद BJP का बढ़ा वोट प्रतिशत
चंडीगढ़ः लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं। बात अगर पंजाब की करें तो पंजाब की सबसे पुरानी पार्टी को इस बार बड़ा झटका लगा है। अकाली दल के 10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। जिनमें खडूर साहिब, फरीदकोट, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, संगरूर, जालंधर, पटियाला, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर से अकाली दल के उम्मीदवार शामिल है। पंजाब में लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस को 7, आम आदमी पार्टी को 3 और अकाली दल को सिर्फ 1 सीट मिली। पंजाब के मतदाताओं ने 2 सीटों पर पारंपरिक पार्टियों को खारिज कर दिया और स्वतंत्र उम्मीदवार पर अपना भरोसा जताया।
बेशक बीजेपी पंजाब में खाता भी नहीं खोल पाई, लेकिन उसका वोट प्रतिशत बढ़ा है। इन चुनावों में सबसे बड़ा झटका शिरोमणि अकाली दल को लगा है। अब अकाली दल बीजेपी से भी छोटी पार्टी बन गई है। कभी पंजाब की प्रमुख पार्टी रही अकाली दल के पास सिर्फ 13.56 फीसदी वोट रहे थे। वहीं, पंजाब में बीजेपी के पास अब 18.31 फीसदी वोट हैं। इस तरह अकाली दल के हाथ से पंथक वोट फिसल गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने 7 सीटें जीतकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है, लेकिन दोनों पार्टियों का वोट प्रतिशत साढ़े 26 फीसदी पर ही बरकरार है। जिस अकाली दल के पास कभी पंजाब के 40 फीसदी वोट थे, वह अब हाशिये पर चला गया है।
दरअसल, पंजाब में लंबे समय तक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल प्रमुख पार्टियां रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी पार्टी के उदय के साथ ही अकाली दल का आधार खिसक गया है। बेशक आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के वोटों का भी नुकसान हुआ है, लेकिन सबसे बड़ा नुकसान अकाली दल को हुआ है। इसके अलावा अकाली दल का पंथक वोट नए विकल्प की तलाश में है। इसका उदाहरण गर्मखियाली पार्टियों के दो उम्मीदवारों की जीत और संगरूर से सिमरनजीत सिंह मान द्वारा दी गई तीखी टक्कर से मिलता है।
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