चंडीगढ़ : पंजाब में अपराधियों व गैर-सामाजिक तत्वों की अब खैर नहीं है। अब वह वारदात को अंजाम देने के बाद आसानी से भाग नहीं पाएंगे। पंजाब पुलिस उन्हें आसानी से काबू कर लेगी। इतना ही नहीं आपात स्थिति में लोगों की मदद के लिए पुलिस पांच से सात मिनट में हाजिर हो जाएगी। लोगों को 25 से 30 मिनट इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह पंजाब पुलिस के बेड़े में 98 नए अति आधुनिक इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ईआरवी) के शामिल होने से संभव होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन वाहनों को पुलिस के बेड़े में शामिल किया। उन्होंने बताया कि इन वाहनों में 86 महिंद्रा बोलेरो और 12 आर्टिगा कारें शामिल हैं। इसके साथ ही साइबर अटैक से लेकर कम्युनिकेशन सिस्टम को भी मजबूत किया जा रहा है। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। इसकी पाकिस्तान से 547 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। ऐसे में सामाजिक तत्व हर समय इस पर बुरी नजर रखते हैं। ऐसे में काफी समय से पंजाब पुलिस को मजबूत करने की दिशा में काम चल रहा है।
सीएम भगवंत मान खुद इस चीज को मानते हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस व बीएसएफ ने गत एक साल में बहुत सारे ड्रोन मार गिराए हैं। साथ ही कई ड्रोन अपने कब्जे में लिए हैं लेकिन दुश्मन काफी मजबूत है। ऐसे में पुलिस को अपडेट करना भी बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि पुराने उपकरण व अन्य चीजें इतनी कारगर नहीं होती हैं। इससे पहले पंजाब पुलिस ने उत्तर प्रदेश के पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 की स्टडी की है क्योंकि उत्तर प्रदेश का सिस्टम पूरे देश में सबसे अच्छा है। इसके लिए पूरा डेडिकेटेड स्टाफ तैनात किया गया है। साथ ही उस नंबर पर कॉल आने पर पुलिस तुरंत मदद को पहुंच जाती है।
गौरतलब है कि अमर उजाला ने पंजाब पुलिस की खस्ताहाल गाड़ियों संबंधी मामले को 18 मार्च के अंक में गंभीरता से उठाया था। इसमें बताया था कि विधानसभा की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। इसमें बताया कि सीमावर्ती जिलों में पुलिस के वाहन पूरी तरह से जवाब दे गए हैं। इस मामले को लेकर ‘चुनौती : गैंगस्टरों और तस्करों से जंग नहीं आसान, पुलिस की गाड़ियां दे रहीं जवाब’ शीर्षक से प्रकाशित किया था। पंजाब पुलिस के बेड़े में शामिल की गईं गाड़ियों में कई सुविधाएं हैं। एक तो महिंद्रा बोलेरो के इंजन की क्षमता काफी अधिक है। 1493 सीसी का इंजन है। इसकी प्रति घंटा रफ्तार भी काफी अधिक है। यह डीजल से चलती है। इसके अलावा सभी गाड़ियों में मोबाइल डाटा टर्मिनल व जीपीएस स्थापित किया गया है।
जैसे ही 112 नंबर पर कॉल जाएगी तो सबसे पहले जो गाड़ी पुलिस के सबसे नजदीक होगी, उसे मैसेज जाएगा। वह गाड़ी तुरंत मददगार के पास पहुंचकर उसे सहायता देगी। अर्टिगा की खूबी यह है कि शहरी एरिया और छोटी गलियों में आसानी से आ-जा सकेगी। इनमें कैमरे भी लगे होंगे। कंट्रोल रूम से उन पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इस मौके पर चंडीगढ़ सेक्टर-1 में पंजाब पुलिस के हथियारों व वाहनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। यहां सीएम भगवंत मान, गृह सचिव अनुराग वर्मा व डीजीपी गौरव यादव भी मौजूद थे। पुलिस के मुलाजिमों ने उन्हें विस्तार से बताया कि पंजाब पुलिस अधिकतर हथियार इजराइल, बुल्गारिया और स्विटजरलैंड के उपयोग कर रही है। पुलिस मुलाजिमों ने उन्हें प्रत्येक हथियार की क्षमता के बारे में बताया। सीएम ने डीजीपी को कहा अगर पुलिस को अन्य हथियारों की जरूरत है तो वे भी मुहैया करवाए जाएंगे।