लुधियानाः वित्तीय संकट से जूझ रहा नगर निगम डिफाल्टर्स पर मेहरबान हो रहा है। निगम मुलाजिमों को समय रहते वेत्तन नहीं मिल रहा। वित्तीय हालातों को सुधारने के लिए निगम अधिकारी असमर्थ लग रहे है। अकेले बिल्डिंग शाखा ही डिफाल्टर्रों से 40 करोड़ रुपयों की रिकवरी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। कुछ दिन पहले निगम कमिश्नर ने विकास कार्यों तथा रिकवरी की समीक्षा के लिए अधिकारियों से विशेष बैठक भी की थी। शहर में रिकवरी न होना और अवैध निर्माण धड़ल्ले से होना मुख्य मुद्दा थे।
बिल्डिंग शाखा के अधिकारियों को लगातार रिकवरी के लिए कहा जा रहा है। अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अभी तक आनलाइन करीब 50 हजार चालान किए जा चुके है। इनमें से करीब 16 हजार चालान ऐसे है जिनकी असैंसमेंट ही नहीं की गई, जबकि 34 हजार चालान ऐसे है जिनकी असैसमेंट की जा चुकी है, उनमे करीब 40 करोड़ रुपए रिकवर किए जाने बाकी है। 34 हजार चालानों में कुछ धारक ऐसे है, जिनकी ओर से पार्ट पेमेंट कर बाद में चुप्पी साध ली गई। कुछ ऐसे धारक भी है जिन्होंने चालान असैसमेंट का नोटिस मिलने के बावजूद कोई पैसा जमा नहीं करवाया।
शहर में हो रहे निर्माण का नक्शा मंजूर करवाने के बाद ही निर्माण शुरू करवाने का कई बार निगम कमिश्नर आवहान कर चुके है। लेकिन लोग अभी भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण कर रहे है। पता चला है कि बिल्डिंग शाखा के अधिकारी नक्शा पास करते समय कई तरह के ऐतराज लगा देते है जिस कारण लोग नक्शा पास करवाने में गुरेज करने लगे है।
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