चंडीगढ़ः पंजाब में AAP की मान सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के खिलाफ पंजाब कांग्रेस आज धरना प्रदर्शन कर रही है। यह धरना प्रदर्शन मोहाली फोर्टिस अस्पताल के पास विकास भवन के पंचायत डायरेक्टर ऑफिस के बाहर जारी है। इसमें पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायक, नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए हैं। इस दौरान पंचकूला से चंडीगढ़ और मोहाली को जाने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी की गई है और वहां पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इन सभी बॉर्डर पर हैवी बैरिगेटिंग कर हथियारों से लैस रिजर्व फोर्स को भी तैनात किया गया है। जानकारी के मुताबिक किसान पंचकूला से जीरकपुर और चंडीगढ़ में प्रवेश करने से वंचित रह सकते हैं। पंचकूला, चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस हाई अलर्ट पर है।
पंजाब कांग्रेस प्रदेश सरकार के पंचायतें भंग के फैसले को असंवैधानिक बता रही है। जबकि प्रधान राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस असंवैधानिक फैसले से पंचायतों के अधिकारी छीने हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से विकास कार्य प्रभावित होंगे। ऐसा कर पंजाब सरकार ने सभी ग्रामीणों से धोखा किया है। पंजाब सरकार के इस फैसले से 13 हजार पंचायतें प्रभावित होंगी। पंजाब सरकार ने यह फैसला पंचायत और लोकसभा चुनाव से पहले किया है। इस पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष राजा वड़िंग ने कहा है कि राज्य सरकार के पंचायती राज खत्म करने के असंवैधानिक फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं, जहां राज्य सरकार चुनाव करवाएगी। सूत्रों के अनुसार, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर को हो सकते हैं, जबकि ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर को कराए जा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है। पंजाब सरकार द्वारा पंचायतें भंग करने के फैसले पर सभी सियासी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। मान सरकार पर ग्रामीणों से उनका हक छीनने के आरोप लगाए गए हैं। सरकार के इस फैसले से पंचायती राज के नुमाइंदों में भी काफी नाराजगी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 15 अगस्त को ऐलान किया कि पंचायत चुनाव में जो गांव सर्वसम्मति से सरपंच चुनेंगे, उन गांवों को राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए 5 लाख एडवांस देगी, लेकिन गांव अपना सरपंच चुनें, न कि किसी पार्टी का।
वहीं दूसरी ओर पंजाब में आई बाढ़ के बाद किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी, जिसको लेकर किसानों ने पहले पंजाब के संगरूर में धरना दिया। इसके बाद हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा आज चंडीगढ़ में धरना देने का एलान किया गया है। हरियाणा और पंजाब की किसान जत्थेबंदियों के द्वारा ऐलान किया गया है कि वे सभी खराब हुई फसल के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं, किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। किसान प्रदर्शनकारियों को पंचकूला से जीरकपुर और चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। वहीं संगरूर के पुलिस ने भी 350 पुलिसकर्मियों को घरने की जगह पर तैनात कर दिया है और जगह-जगह नाकाबंदी कर रखी है।