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पंजाबः खालिस्तानी गतिविधियों पर केंद्रीय एजेंसियों का अलर्ट, दिए ये निर्देश

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चंडीगढ़ः पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने राज्य पुलिस को इनपुट भेजा है और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार कर रहे नेताओं पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने पंजाब की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर राज्य सरकार से जवाब भी मांगा है। पता चला है कि राज्य सरकार ने अभी तक केंद्र को कोई जवाब नहीं भेजा है, लेकिन खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब में फिर से माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।

राज्य पुलिस कड़े कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्र सरकार ने हिंदू नेता की हत्या, खालिस्तान समर्थक मुहिम और पोस्टरबाजी की घटनाओं से उपजे हालात के बारे में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश में गैंगस्टरों की गतिविधियों, अवैध हथियारों के चलन और अपराधियों द्वारा जेलों से अपने गुर्गों के जरिए वारदात कराने की विस्तृत जानकारी तलब की थी। सूत्रों के अनुसार, इससे पहले खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों के बारे केंद्रीय एजेंसियों ने इस साल फरवरी माह में तत्कालीन चन्नी सरकार को अलर्ट भेजा था।

उसमें बताया था कि विदेश में बैठे खालिस्तान समर्थक और धर्म की आड़ में कुछ नेता गुपचुप तरीके से पंजाब में युवाओं को लामबंद कर रहे हैं। इसी इनपुट में एजेंसियों ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों का खुलासा करते हुए इसके नए प्रधान की पृ्ष्ठभूमि की जानकारी भी राज्य पुलिस को दी थी। इसके बावजूद राज्य सरकार और पुलिस कहीं भी सक्रिय दिखाई नहीं दी और राज्य में गैंगस्टरों की गतिविधियां बढ़ने के साथ-साथ कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह द्वारा खालिस्तान के पक्ष में मुहिम शुरू कर दी गई। इसे विदेश में बैठे एसएफजे के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू और पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के समर्थन की बात सामने आई।

पटियाला में काली माता मंदिर क्षेत्र में हिंदू-सिखों की भिड़ंत, अमृतसर में हिंदू नेता की हत्या ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए तो केंद्र ने प्रदेश सरकार से कानून व्यवस्था पर जानकारी मांग ली। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से जो भी इनपुट मिलते हैं, उन पर तुरंत एक्शन शुरू हो जाता है। सीआईडी, इंटेलिजेंस, एंटी सोशल एक्टिविटी और साइबर सेल जैसे पुलिस के विंग लगातार काम में लगे रहते हैं, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाता। अमन-शांति के लिए जो भी खतरा बन सकता है, पुलिस उसके साथ साथ उससे जुड़े लोगों पर भी नजर रखती है। उनके खिलाफ समय के हिसाब के कार्रवाई की जाती है। 

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