चंडीगढ़ : चुनावों से पहले शिरोमणि अकाली दल बादल को आज बड़ा झटका लगा है। मालवा क्षेत्र से संबंधित पार्टी के हिंदू समुदाय के नेताओं में से एक, टकसाली नेता पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और पूर्व विधायक बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने पार्टी की नीतियों से दुखी होने का कारण कहकर अपने सैंकड़ों साथियों के साथ बादल दल को अलविदा कह दिया और उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु, पूर्व राज्यसभा सदस्य और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा के संरक्षण में शिरोमणि अकाली दल संयुक्त में शामिल होने की घोषणा की।

स्थानीय शहर में आयोजित यह सादा समारोह नेताओं और कार्यकर्ताओं के भारी इकठ्ठ के कारण रैली में तब्दील हो गया। इस अवसर पर बाबू प्रकाश चंद गर्ग को सिरोपाओ देकर पार्टी में शामिल कर व संगरूर हलके से प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप कर अपने संबोधन में सुखदेव सिंह ढींडसा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि शिरोमणि अकाली दल एक लोकतांत्रिक पार्टी है जिसका गठन गुरुघरों को आजाद कराने के समय 500 से अधिक कुर्बानियां देकर किया गया था लेकिन आज अफसोस की बात है कि शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल अपनी निजी ट्रेडिंग कंपनी बादल दल के रूप में चला रहे हैं जो पार्टी के सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है।
इससे दुखी होकर उन्होंने पहले अकाली दल बादल को छोड़ा और अब बाकी नेतृत्व भी एक-एक करके बादल दल छोड़ रहे है। ढींडसा ने कहा कि सुखबीर बादल के उपमुख्यमंत्री रहते पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुईं, आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय डेरा प्रमुख को माफी दे दी गई और गुरु साहिब के अपमान के आरोपियों को गिरफ्तार करने व न्याय की मांग करने वाले निहत्थे युवाओं की हत्या सहित कई पंथ विरोधी कार्यों के कारण पंथ की पीठ में छुरा घोंपा है। जिसके कारण आज शिरोमणि अकाल दल बादल न तो पंथ का है और न ही पंजाब का। इसलिए शिरोमणि अकाली दल को बादल परिवार से मुक्त कराने के लिए उन्होंने शिरोमणि अकाली दल संयुक्त का गठन किया है।