चंडीगढ़ः पंजाब में सीएम भगवंत मान सरकार ने वादे के अनुसार 5-6वां बैच आज सिंगापुर के लिए रवाना कर दिया है। इस बैच में कुल 72 प्रिंसिपलों को भेजा गया है जो सिंगापुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में लीडरशिप, ग्लोबल एजुकेशन और कोऑर्डिनेशन की ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। वहीं शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने घोषणा की कि शिक्षा विभाग की बात फिनलैंड सरकार से भी चल रही है। कैबिनेट मिनिस्टर हरजोत सिंह बैंस ने चंडीगढ़ से 72 प्रिंसिपलों की बस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इससे पहले सभी प्रिंसिपल्स ने प्रिंसिपल बैंस के साथ मुलाकात भी की। मंत्री बैंस ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि अभी तक 300 टीचर्स, जिनमें 200 प्रिंसिपल और 100 टीचर्स हैं, विदेश जा चुके है।
पंजाब के तकरीबन 20 प्रतिशत प्रिंसिपल की ट्रेनिंग मुकम्मल हो चुकी है। इसके अलावा 100 हेडमास्टर्स को IIM अहमदाबाद भेजा गया था। मंत्री बैंस ने घोषणा की कि एजुकेशन डिपार्टमेंट की फिनलैंड से बातचीत चल रही है। फिनलैंड की प्राइमरी एजुकेशन बेस्ट मानी जाती है, MOU साइन होने के बाद पंजाब के प्रिंसिपल वहां जाकर भी ट्रेनिंग प्राप्त करेंगे। मंत्री बैंस ने दाखिलों के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि अब लोगों का विश्वास सरकारी स्कूलों पर जागना शुरू हो गया है। पहले सरकारी स्कूलों की नेगेटिव स्टोरी चलती थी, अब पॉजीटिव आनी शुरू हुई हैं। टीचर्स प्रिंसिपल्स की लोकल ट्रेनिंग को भी अपडेट कर रहे हैं। जिसके बाद इस साल रिकार्ड दाखिला बढ़ता है।
प्री-प्राइमरी कक्षा में दाखिला 17 प्रतिशत से बढ़ा है। पहली बार प्री-प्राइमरी में दाखिले ने 2 लाख का आंकड़ा पार किया है। तरनतारन, जहां एजुकेशन काफी पिछड़ी मानी जाती थी, में 25 प्रतिशत अधिक दाखिला हुआ है। आंध्रा प्रदेश के बाद पंजाब ऐसा राज्य बना है जो हर ISRO के लांच पर बच्चों को भेज रहा है। मंत्री बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार ने अभी तक 36 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं, आज भी चंडीगढ़ में नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। जिससे विदेश जाने का ट्रैंड बदला है। इस साल पंजाब के नीट व जेई के नतीजे शानदार रहे हैं। इतना ही नहीं, पंजाब के सरकारी इंजीनियर कॉलेजों में भी इस साल दाखिले में बढ़ौतरी हुई है। जो कॉलेज बंद होने की कगार पर थे, उनमें दाखिला दो गुणा हो चुका है। जो एक अच्छा साइन है।