चंडीगढ़ः पंजाब के आढ़तियों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी के तहत आज पंजाब भर के आढ़तियों ने चंडीगढ़ में भारतीय खाद्य निगम (FCI) दफ्तर के बाहर धरना लगा दिया। दरअसल, गेहूं का कमीशन न मिलने पर आढ़ती भड़क गए। जिसके बाद उन्होंने पंजाब सरकार और केंद्र के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं मामले की जानकारी देते हुए आढ़ती एसोसिएशन ने कहा कि एफसीआई ने उनका कमीशन रोका हुआ है। गेहूं की खरीद पर उन्हें 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलता है। अब धान का सीजन भी शुरू हो गया है, लेकिन उनका बकाया कमीशन अभी तक नहीं मिला है। वैसे भी पंजाब सरकार आढ़ती समुदाय को खत्म करने पर तुली हुई है। आढ़तियों को मंडियों से निकालने के लिए नई-नई नीतियां बनाई जा रही है। उसी के विरोध में आज सारे आढ़ती इकट्ठा हुए हैं।
दूसरी ओर आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान विजय कालड़ा ने कहा कि सरकार रोज नए नए कानून बनाकर आढ़तियों को प्रताड़ित कर रही है। सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की दोनों ही आढ़तियों को खत्म करना चाहती हैं। धान की फसल मंडियों में आनी शुरू हो गई है, लेकिन वे तब तक धान की खरीद नहीं करेंगे जब तक उनकी पुरानी कमीशन पर फैसला नहीं हो जाता। आढ़ती एसोसिएशन ने कहा कि बेशक तीन काले खेती कानूनों को किसानों के विरोध के बाद रद्द कर दिया था। लेकिन अब उन्हें बदल बदल कर आढ़तियों पर लागू किया जा रहा है। राज्य और केंद्र की सरकारें आढ़तियों को मंडियों से बाहर निकालना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अडाणी ग्रुप के गोदामों को सीधे फसल दी जा रही है। गेहूं की फसल सीधे देने का विरोध हुआ तो मंडियों से आढ़तियों की मार्फत दी गई।
इसी बीच विभाग ने वादा किया था कि जो भी फसल साइलो में जाएंगी, उसकी कमीशन आढ़तियों को मिलेगी। लेकिन इसके बाद न उन्हें पैसे मिले और न ही एफसीआई के अधिकारी कमीशन को लेकर कोई जवाब दे रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि पहले एफसीआई को 30 सितंबर तक पैसे डालने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन खातों में पैसे नहीं आए। जिसकी वजह से आज एफसीआई का घेराव करना पड़ रहा है। आढ़ती एसोसिएशन का कहना है कि एफसीआई अपने आप ही 10 अक्टूबर से पहले-पहले सारा मामला सुलझा ले और आढ़तियों को खाते में कमिशन के पैसे डाल दे। अन्यथा आढ़ती 11 अक्टूबर से पक्की हड़ताल करेंगे। इस दौरान वह मंडियों में आने वाली फसल किसी भी खरीद एजेंसी के लिए नहीं उठाएंगे। मंडियों में आढ़तियों, मुनीमों से लेकर लेबर तक सब हड़ताल पर चले जाएंगे।