आप और भाजपा में बगावत होने के बाद अकाली दल के नेताओं पर टिकी होंगी कांग्रेस की निगाहें
जालंधर, ENS: लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में आप पार्टी ने 8 उम्मीदवारों का ऐलान किया था। जिसमें एक उम्मीदवार सुशील रिंकू पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया। वहीं भाजपा ने 6 उम्मीदवारों का ऐलान किया था। जिसमें गुरदासपुर से दिनेश बब्बू को उम्मीदवार घोषित करने के बाद पूर्व सासंद विनोद खन्ना की पत्नी कविता और स्वर्ण सलारिया ने चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए है। इसके बाद अब अकाली दल इस सप्ताह उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है। ऐसे में अकाली दल के उम्मीदवारों के ऐलान को लेकर कांग्रेस की निगाहें नेताओं पर टिकी होगी। क्योंकि कांग्रेस ने अभी तक पंजाब के उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है।
वहीं भाजपा से गठबंधन ना होने के बाद अकाली दल भी अकेले चुनाव लड़ने जा रहा है। ऐसे में उम्मीदवारों की सूचि तय करने के लिए पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चंडीगढ़ में लगातार दूसरे दिन आज भी कोर कमेटी की मीटिंग रखी है। इसमें वह पार्टी के नेताओं, SGPC मेंबर, हलका इंचार्जों व प्रधानों से मीटिंग करेंगे। इसमें करीब 7 सीटों पर मंथन होना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी हफ्ते अकाली दल अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकता है। हालांकि, सुखबीर बादल ने साफ कर दिया है कि वह इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने जल्दी लिस्ट जारी करने की बात कही है। SAD उम्मीदवार घोषित करने में किसी भी तरह कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहा है।
पार्टी की कोशिश यही है कि उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दी जाए जो कि चुनावी मैदान में पार्टी की नैया पार ला सकते हैं। कई बड़े नेता चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। पता चला है कि अमृतसर से अनिल जोशी, खडूर साहिब से बिक्रम सिंह मजीठिया व करनैल सिंह पीर मोहम्मद, बठिंडा से हरसिमरत कौर, श्री आनंदपुर साहिब से प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा व दलजीत सिंह चीमा के नामों पर मंथन हुआ है। कई जगह एक सीट पर 2 बड़े नेताओं ने दावा ठोका है। हालांकि, जानकारों की मानें तो प्रत्येक सीट पर 2 से 3 नामों पर मंथन हो रहा है। होशियारपुर, गुरदासपुर समेत कई हलके हैं, जहां पर पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पार्टी इस बार एक परिवार एक टिकट के फार्मूले का भी पालन कर रही है।