Loading...
- Advertisement -
HomeGovernment Newsपंजाब जल आपूर्ति में ऐतिहासिक उपलब्धि, हर गांव तक पहुंचा नल से...

पंजाब जल आपूर्ति में ऐतिहासिक उपलब्धि, हर गांव तक पहुंचा नल से पानी

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

चंडीगढ़ : पंजाब के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यभर में जल आपूर्ति और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इस निवेश से प्रमुख परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन, नवीन तकनीकों के विस्तार और जल गुणवत्ता व स्वच्छता प्रणालियों को सुदृढ़ किया गया है, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि 100 प्रतिशत ग्रामीण नल जल कवरेज के साथ राज्य में 34 लाख से अधिक परिवारों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ग्रामीण स्वच्छता क्षेत्र हेतु 2,190.80 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब देश का पांचवां राज्य बन गया है जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल आपूर्ति का लक्ष्य हासिल किया है। जल गुणवत्ता से प्रभावित क्षेत्रों के लिए 15 सतही जल परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो 1,706 गांवों को कवर करती हैं, जिनमें से चार परियोजनाएं चालू हो चुकी हैं और शेष अंतिम चरण में हैं। इसके अतिरिक्त, चालू वित्तीय वर्ष में 278.37 करोड़ रुपये की लागत से 205 ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाएं पूरी की गईं। वहीं 160 करोड़ रुपये की लागत से 144 योजनाओं के अपग्रेडेशन और श्री मुक्तसर साहिब में 140 करोड़ रुपये के जल आपूर्ति व सीवरेज उन्नयन कार्यों से शहरी-ग्रामीण समन्वित ढांचे को मजबूती मिली है।

मंत्री ने बताया कि तकनीक आधारित शासन के तहत 346 जल योजनाओं में आईओटी आधारित निगरानी लागू की गई है, जिससे 897 गांवों में रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हुई है। जल गुणवत्ता निगरानी के लिए तीन-स्तरीय एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं का नेटवर्क स्थापित किया गया है। साथ ही, आर्सेनिक, यूरेनियम, फ्लोराइड एवं अन्य भारी धातुओं से प्रभावित गांवों में आरओ और जल शुद्धिकरण संयंत्र लगाए जा रहे हैं। ग्रामीण स्वच्छता क्षेत्र में 1,598 सामुदायिक शौचालय परिसरों का निर्माण किया जा चुका है और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को भी गति मिली है। ओडीएफ दर्जा प्राप्त करने के बाद अब पंजाब 31 मार्च 2026 तक सभी गांवों को ओडीएफ प्लस (मॉडल) बनाने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

 

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page