चंडीगढ़: पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के अमरगढ़ से विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा को झटका देते हुए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी व रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन की कार्रवाई कानूनन सही है। विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए ईडी की गिरफ्तारी व बाद में जारी रिमांड आदेश को चुनौती दी थी। मैसर्स टीसीएल ने 46 करोड़ रुपए का लोन व क्रैडिट सुविधा हासिल की थी और याची इसका निदेशक था। ईडी ने याची को गिरफ्तार कर लिया था और बाद में अदालत ने उनको रिमांड पर भेज दिया था।
याची पर आरोप है कि लोन सुविधाएं देने के नियमों और शर्तों के विपरीत यह राशि अन्य कंपनियों को हस्तांतरित कर दी गई। आरोप के अनुसार 3.12 करोड़ रुपए ‘आप’ नेता के व्यक्तिगत खाते में भेजे गए थे। फोरैंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर 9 फरवरी, 2018 को मैसर्स टीसीएल के खाते में धोखाधड़ी के चलते RBI को इसके बारे में सूचित किया गया। इसके बाद याची को बार-बार जांच में शामिल होने को कहा गया लेकिन वह टालमटोल करता रहा। जांच में शामिल नहीं होने पर नवम्बर, 2023 में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसी कार्रवाई को उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए चुनौती दी थी।