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पंजाबः इस इलाके में नशे से 10 महीने में 4 भाइयों की हुई मौत

लोगों से मांगकर पेट भरती है नेत्रहीन बुजुर्ग महिला

महिला ने कहा-आज तक किसी अधिकारी ने नेता ने नहीं की कोई मदद

फिरोजपुरः पंजाब सरकार द्वारा भले ही नशे के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नशे से हो रही मौतों का आंकड़ा आज भी कम नहीं हो रहा है। वहीं जिले में एक नेत्रहीन बुजुर्ग महिला के 4 बेटों की पिछले 10 महीने में नशे से मौत होने का मामला सामने आया है। ऐसे में अब बुजुर्ग महिला के पास यादों के लिए बेटों की तस्वीरें ही रह गई है। 70 वर्षीय ताजो नामक महिला तस्वीरों में बेटों को देखकर गले लगाती और चुमती रहती है। वह नहीं जानती की कौन सी तस्वीर किसकी है, लेकिन वह कहती है कि यह मेरे बेटे है। बुजुर्ग महिला के पास सिर्फ एक कुंवारी नेत्रहीन बेटी है। दोनों मांग कर रोटी खाते है। महिला इतनी बेबस है कि दीवारे पकड़कर वह चलती है और उसका मार्ग दर्शन करने वाला कोई नहीं है। बताया जा रहा है कि उसका एक बेटा है जो गांव छोड़कर कहीं चला गया है। 

मीडिया से बात करते हुए बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसके 5 बेटे और 4 बेटियां हैं। 50 साल का बड़ा बेटा भोला 3 बच्चों का पिता था। 48 साल सुखदेव के 4 बच्चे थे। 46 साल के कमलजीत एक बेटी के पिता थे और 44 साल के बलविंदर अविवाहित थे। चारों मजदूरी करके घर चलाते थे। महिला ने बताया कि वह मेरा और अपनी बहन वीणा का ख्याल रखता थे।’ महिला ने बताया कि उसके पति की लगभग 10 वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। 

महिला ने बताया कि इसके बाद चारों बेटों ने ऐसी शराब पी कि एक-एक कर उनकी मौत हो गई। सबसे पहले कमलजीत की मौत 6 जनवरी 2020 को हुई थी। इसके बाद 10 सितंबर 2020 को भोला, फिर बलविंदर और सुखदेव की मौत हो गई। महिला ने बताया कि कुंवारी बेटी वीणा उसके साथ रहती है। वह अपनी आंखों से देख भी नहीं सकती। महिला ने बताया कि  मैं बेटों को समझाती था कि नशे का अंत बुरा होगा लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने नशा तो नहीं छोड़ा लेकिन दुनिया छोड़ दी।

बुजुर्ग महिला ने आगे बताया कि अगर मेरी आंखें होती तो मैं उन्हें नशा करने से रोक देती और उनका इलाज करवाती। उन्होंने कहा कि वह मुझे इस तरह तड़प-तड़प कर मरने के लिए ना छोड़ देते। महिला ने कहा कि मेरे जीवन में असल अंधकार तो अब आया है। हर दिन गुजारना कठिन होता जा रहा है। महिला ने कहा कि शराब ने उसका घर बर्बाद कर दिया। बेटों की मौत के बाद उनकी पत्नियां भी अपने बच्चों के साथ घर चली गईं। 3 बेटियों की शादी हो चुकी है और उनका अपना घर है। महिला ने कहा कि मैंने कभी अपनी बेटियों को यहां घर पर आने के लिए नहीं कहा, ताकि वे अपने घर में खुश रहें। महिला ने कहा कि मेरा जीवन बर्बाद हो गया है।

बुजुर्ग महिला ने कहा कि वह अपना और अपनी बेटी का पेट भरने के लिए आसपास के घरों से रोटी मांगकर लाती है। महिला ने कहा कि उसे आसपास के गांवों के लोग मिलते रहते है लेकिन कोई अधिकारी या कोई नेता उसके पास नहीं आया। महिला ने कहा कि ना ही किसी ने कोई मदद भेजी है। महिला ने कहा कि घर की छत से पानी रिस्कता है, ऐसे में उसे घर की छत के नीचे अपना सिर ढकना कठिन है। महिला ने कहा कि बेटे होते तो आज यह चिंता न होती। महिला ने कहा कि मैं तो यही कहूंगा कि मेरी आंखें नहीं थीं, इसलिए मैं अपने बेटों को नहीं बचा सकी। इस दौरान महिला ने लोगों से अपील की है कि चाहे कुछ भी हो, वह अपने बेटों को नशों से बचाएं।

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