चंडीगढ़ः पंजाब में हाईप्रोफाइल ड्रग रैकेट मामले को लेकर बड़ी ख़बर सामने आई है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के 2 जजों ने 6,000 करोड़ रुपये के ड्रग रैकेट मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस एजी मसीह जस्टिस आलोक कुमार सुनवाई से हट गए है। जस्टिस आलोक कुमार ने कहा कि वह इस मामले में केंद्र के वकील रहे हैं। इस वजह से वह सुनवाई से हट गए। अब इस मामले में चीफ जस्टिस की ओर से नई बेंच का गठन किया जाएगा।
हाल ही में जेल से छूटे पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया का नाम इसी ड्रग्स रैकेट में आया था। 2012 में शुरू हुए इस केस में पहली एफआईआर फतेहगढ़ साहिब में दर्ज की गई और शुरुआती स्टेज में यह केस भी दूसरे सामान्य मामलों की तरह लगा। इसमें सियासी भूचाल तब मचा जब 2014 में पेशी पर आए केस के मुख्य आरोपी और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने तत्कालीन रेवेन्यू मिनिस्टर बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम ले लिया। तब उन्हें क्लीन चिट मिल गई। मजीठिया के खिलाफ पिछली कांग्रेस सरकार ने केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा।
सिंथेटिक ड्रग तस्करी मामले में फतेहगढ़ साहिब और बनूड़ थाने में सबसे पहले 2 केस दर्ज हुए। उसके बाद पंजाब के अलग-अलग जिलों में 5 और केस दर्ज किए गए। इनमें से 4 मामलों में जगदीश भोला बरी हो गया जबकि 3 अन्य केसों में जगदीश भोला को 10, 12 और 2 साल की सजा हुई। भोला के अलावा 18 अन्य लोगों को भी इन केसों में 6 महीने से 15 साल तक की कैद हो चुकी है। इस मामले में 51 लोग गिरफ्तार किए गए थे। जिनसे 71 वाहन, 13 हथियार और भारी मात्रा में सिंथेटिक ड्रग बरामद की गई।