श्री मुक्तसर साहिबः गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य बता व्यापारी से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना सिटी में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों की पहचान सुखदीप सिंह उर्फ सुक्खी पुत्र अंग्रेज सिंह निवासी मचाकी कलां जिला फरीदकोट हाल निवासी राम नगर गली नंबर पांच बठिंडा व महिंदर सिंह पुत्र बलौर सिंह निवासी बिजली कॉलोनी सतीपुरा जिला हनुमानगढ़ (राजस्थान) के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3 एंड्रायड मोबाइल, फिरौती के लिए इस्तेमाल किया एक कीपैड, सिम कार्ड और एक बुलेट मोटरसाइकिल बरामद किया गया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि व्यापारी से फिरौती मांगने वाला एक आरोपी उसी की बठिंडा स्थित इलेक्ट्रानिक की दुकान पर काम करता है। उसने अपने रेलवे विभाग में नौकरी करते साथी के साथ मिल व्यापारी से फिरौती मांगने की योजना बनाई थी। प्रेसवार्ता में एसपी मनमीत सिंह ने बताया कि संदीप कुमार पुत्र विनोद कुमार निवासी नाका नंबर 5 मलोट रोड मुक्तसर ने शिकायत दर्ज करवाई कि एक अज्ञात व्यक्ति उसको बार-बार फोन कॉल्स करता है। साथ ही खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बता उसको डरा धमका कर 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग करता है। फिरौती नहीं देने पर परिवार को जान से मारने की धमकी देता है।
शिकायतकर्ता ने बताया वह इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री करता है। उनकी बठिंडा में दुर्गा ट्रेड नाम पर दुकान है। शिकायत मिलने के बाद डीएसपी जसपाल सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। जिसके बाद सीआइए स्टाफ श्री मुक्तसर साहिब के इंचार्ज इंस्पेक्टर गुरविंदर सिंह, काउंटर इंटेलिजेंस बठिंडा की पुलिस की विभिन्न टीमें बना कर टेक्निकल व ह्यूमन इंटेलिजेंस की सहायता से आरोपियों को ट्रेस कर गिरफ्तार किया गया।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपी सुखदीप सिंह शिकायतकर्ता व्यापारी संदीप कुमार की बठिंडा स्थित दुकान पर ही काम करता है और उसने अपने साथी महिंदर सिंह जोकि रेलवे में इलेक्ट्री विभाग में नौकरी करता है। जो कि उनके साथ मिल कर गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के नाम पर व्यापारी से पैसे ऐंठने की योजना बनाई थी। रेलवे विभाग में नौकरी करने वाले आरोपी महिंदर की ड्यूटी बठिंडा में ही है। एसपी ने बताया कि जांच में अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि आरोपियों के लारेंस बिश्नोई गैंग से किसी तरह के संबंध हैं। आरोपियों पर इससे पहले कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है।