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शिक्षा में सुधार के लिए किया 300 करोड़ बजट का प्रावधानः सीएम

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सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री ने लडोली में सुनीं जनसमस्याएं

ऊना/सुशील पंडित :मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत लडोली में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम के दौरान 62 जन समस्याएं प्राप्त हुईं तथा 24 विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनाए गए, जबकि 13 इंतकाल भी सत्यापित किए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अंब में दो दिवसीय चिंतपूर्णी महोत्सव, अंब में मिनी सचिवालय के निर्माण, स्वां तटीकरण के लिए 10 करोड़ प्रदान करने, पंजोआ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा इनडोर स्टेडियम बनाने की घोशणा की। उन्होंने कहा कि नैहरियां आईटीआई में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम षुरू किए जाएंगे ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठषाला सलोई और दियाड़ा में विज्ञान की कक्षाएं षुरू करने तथा इस क्षेत्र में 50 पुराने ट्यूबवेल की मरम्मत करने के लिए तीन करोड़ रुपये प्रदान करने की घोशणा की। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को गुणात्मक षिक्षा प्रदान करने के लिए षिक्षा प्रणाली में आवष्यक सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि षिक्षा में सुधार के लिए राज्य सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिसके तहत प्रदेष के हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का समुचित विकास हो सके। उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में स्कूल खोलने के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है और एक वर्श के भीतर स्कूल का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, अगले षैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से इंग्लिष मीडियम में पाठ्क्रम आरम्भ किया जा रहा है तथा छह साल का बच्चा ही पहली कक्षा में जाएगा ताकि वह तनाव महसूस न करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेकों सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के 56 स्वास्थ्य संस्थानों में प्रदेष सरकार स्वास्थ्य सूचना प्रबन्धन प्रणाली षुरू करने जा रही है, जिससे चिकित्सकों को क्लाउड आधारित सर्वर से रोगियों के सम्पूर्ण चिकित्सा विवरण उपलब्ध हो सकेंगे। इस सुविधा के आरंभ होने से मरीज को डष्क्टर के पास पर्ची व रिपोर्ट ले जाने की आवष्यकता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेष में रोबोटिक सर्जरी और अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक लाने जा रही है, जिनका परिणाम आने वाले दो वर्श में सामने आएगा। 

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक वर्श पूर्व जब वर्तमान सरकार का गठन हुआ तो प्रदेष की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि प्रदेष के बजट का 17 प्रतिषत ही हम विकास कार्योंे पर खर्च करते हैं, जबकि 83 प्रतिषत बजट अन्य कार्योंे पर खर्च होता है। उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों का वेतन और 10 हजार करोड़ रुपये पेंषन प्रदान करने पर खर्च होता है, जबकि प्रदेष का बजट 54 हजार करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि प्रदेष सरकार द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयास षुरू किए गए हैं और इसी को व्यवस्था परिवर्तन का नारा दिया गया है, जिसके आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी दृढ़ इच्छाषक्ति से विभिन्न क्षेत्रों में सुधारात्मक उपाय लागू कर रही है जिसमें सरकार को सफलता मिल रही है।

उन्होंने कहा कि पहली ही कैबिनेट में 1.36 सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित कर सरकार द्वारा पुरानी पेंषन स्कीम लागू की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास प्रदेष के एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिसका मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में हिमाचल प्रदेष ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा सामना किया, जिसमें 16 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने कहा कि वह लोगों के दर्द से वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद व नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपये का विषेश आपदा राहत पैकेज प्रभावितों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को वर्तमान प्रदेष सरकार द्वारा साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। घर को आंषिक नुकसान होने पर भी मुआवजा राषि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान तीन दिन तक आपदा पर चर्चा हुई लेकिन हिमाचल प्रदेष की आपदा को राश्ट्रीय आपदा घोशित करने के प्रस्ताव का भाजपा विधायकों ने समर्थन नहीं किया और उन्होंने केवल राजनीति की। उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद ने हिमाचल को आपदा से निपटने के लिये केंद्र सरकार से मदद नहीं मांगी। यही नहीं राज्य सरकार ने आपदा के 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम सितंबर माह में केंद्र सरकार को भेजे हैं, लेकिन भाजपा नेता इसमें भी अड़ंगा लगा रहे हैं, जिसके लिए जनता भाजपा नेताओं का माफ नहीं करेगी। 

उन्होंने कहा कि समाज का एक वर्ग ऐसा भी है, जो अपनी आवाज नहीं उठा सकता। उनके लिए कल्याण के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कानून बनाकर प्रदेष के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन अष्फ दे स्टेट के रूप में अपनाया है। इस योजना के तहत 18 वर्श तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह तथा 27 वर्श तक के बच्चों को 4 हजार रुपये पष्केट मनी के रूप में दे रही है। इसके अतिरिक्त उनके उच्च षिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि आज ऐसी ही लाभार्थी बच्ची से बात करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेष सरकार ने डष्. यषवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है, जिसके तहत विद्यार्थियों को उच्च षिक्षा प्राप्त करने के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिषत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महीने के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है, जिसमें अब तक 65000 से अधिक इंतकाल तथा 4000 से अधिक तकसीम  के मामलों का निपटारा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में 21 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा रही है। षिक्षा विभाग में अध्यापकों के 5291, पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226, जल षक्ति विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 10 हजार पद भरे जाएंगे। इसके साथ ही वन मित्र योजना के तहत 2061 वन मित्रों की भर्ती की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग में 1450 पद भरे जाएंगे। इसी तरह, पटवारियों के 874 पद भरे जा रहे हैं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है, जिसके लिए सरकार ने किसानों से दूध खरीद का मूल्य छह रुपए बढ़ाया है और आने वाले समय में पषु पालकों को निष्चित आय सुनिष्चित करने की दिषा में कार्य किया जा रहा है।

विधायक सुदर्षन बबलू ने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक आम परिवार से निकलकर मुख्यंमत्री पद पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला है। अभी मुख्यमंत्री अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला ही रहे थे कि हिमाचल प्रदेष में आपदा आ गई। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान सभी कांग्रेस विधायकों को फील्ड में डटे रहने के निर्देष दिए और खुद भी मोर्चे पर डटे रहे, जिसके कारण रिकर्ष्ड समय में बिजली, पीने के पानी और सड़क सुविधा जैसी सभी आवष्यक सेवाएं बहाल हुईं। उन्होेंने कहा कि केंद्र से कोई भी मदद न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए हर प्रकार से मदद दी। उन्होंने आपदा के दौरान चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए 150 मकानों को मुआवजा राषि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के लिए किए गए सभी षिलान्यास व उद्घाटनों के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की विकासात्मक प्रदर्षनियों का अवलोकन भी किया।

इससे पहले, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में कुल 33.21 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के षिलान्यास एवं उद्घाटन किए। उन्होंने 12.81 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ज्वार-नारी वाया बिल्लां दा सड़क तथा 10.90 करोड़ रुपये की लागत से अंब कस्बे के लिए पेयजल परियोजना की आधारषिला रखी तथा 8.47 करोड़ रुपये की लागत से नैहरियां में बने आईटीआई भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधायक चौतन्य षर्मा व देवेंद्र भुट्टो, पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, एडवोकेट जनरल अनूप रतन, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, जिला ऊना कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, एचपीसीसी महासचिव विक्रम षर्मा, सचिव संजीव कालिया, पूर्व विधायक नवीन धीमान, उपायुक्त राघव षर्मा, पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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